Recognition of Rajasthani Language: देश के सबसे बड़े राज्य राजस्थान में 30 मार्च को बड़े उत्साह के साथ राजस्थान स्थापना दिवस (Rajasthan Foundation Day) मनाया गया. राजस्थान की स्थापना दिवस के दिन जोधपुर में राजस्थानी भाषा (Rajasthani language) को मान्यता दिलाने की मांग एक बार फिर उठ गई. स्वर जनहित और विकास सेवा संस्थान के अध्यक्ष और राजस्थानी भाषा प्रेमी विष्णु सरगरा (Vishnu Sargara) ने गुरुवार को राजस्थान दिवस पर एक हैरान करने वाला काम किया.


दरअसल उन्होंने शहर के एमडीएम चौराहा स्थित विरुद्ध राजस्थानी शब्दकोश के निर्माता पदम श्री डॉक्टर सीताराम लालच की प्रतिमा के नीचे बैठकर अपने खून से राजस्थानी भाषा में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के नाम ज्ञापन लिखा. इस ज्ञापन में उन्होंने लिखा- 'जय जय राजस्थान अशोक भाई गहलोत, आपने हिवडे़ री कौर सुं अरज है कि आप राजस्थान री सबसु लाठी पदवी माथे भिराजो हो, इण खातर आप चाहो तो आपणे प्रांत वास्ते सब संभव हो सके. महाणी संस्थान वरषाऊ आप कनैं बात पहुचावण री जुगत कर री है, पर आप हुणियो रो अणहुणियो करियो, मा आपसु कोई धनमाया नी मांगा, फकत मायड़ भाषा री मानता मांगा.'


लंबे समय से राजस्थानी भाषा को मान्यता देने की मांग


उन्होंने यह भी कहा कि संस्थान की ओर से राजस्थान दिवस को राजस्थानी दिवस के रूप में मनाया गया. जब तक राजस्थानी भाषा को मान्यता मिल नहीं जाती हैं तब तक यह आंदोलन जारी रहेगा आंदोलन तेज होगा. दरअसल राजस्थान में राजस्थानी भाषा को मान्यता मिले इस मांग को लेकर कई संस्थाएं लगातार काम कर रही हैं. NRI प्रेम भंडारी की संस्था राणा यूएसए जोधपुर की अन्य कई संस्थाएं राजस्थानी भाषा की मान्यता की मांग पूर्ण रूप से लंबे समय से कर रही है.


जनहित और विकास सेवा संस्थान के कई पदाधिकारी इस अवसर पर शामिल हुए. संस्थान के सचिव भरत सुथार, महिला उत्थान प्रभारी मंजू मेवाड़ा, चिकित्सा प्रभारी भाकरराम, सामाजिक न्याय प्रभारी चतराराम मॉल, पर्यावरण प्रभारी प्रेमभारती गोस्वामी, पुजा पंवार, अयाज भाई, दीपीका दाधिच, रामेश्वर लाल और सुल्तान आदि भी मौजूद रहे.


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