Jodhpur Water Crisis: क्लोजर की बढ़ी अवधि से पेयजल संकट के मुहाने पर जोधपुर, जलदाय विभाग ने बुलाई मीटिंग
Water Crisis: क्लोजर की अवधि दो दिन बढ़ाने की सूचना मिलते ही जलदाय विभाग के आला अधिकारियों की मीटिंग बुलाई गई. मीटिंग में अगले दस दिन के भीतर जोधपुर शहर में दो से तीन शट डाउन पर फैसला लिया जाएगा.
Water Crisis in Western Rajasthan: पश्चिमी राजस्थान के कई जिलों में जल संकट गहरा गया है. आलम ये है कि पानी की किल्लत के कारण धरने प्रदर्शन हो रहे हैं. रोजमर्रा मिलने वाले पानी में भी कटौती की जा रही है. ऐसे में क्लोजर की आई जानकारी ने लोगों की चिंता बढ़ा दिया है. इंदिरा गांधी नहर में मरम्मत कार्य चल रहा है. कार्य समय पर पूरा नहीं होने के कारण क्लोजर की अवधि को बढ़ाया गया है. दो दिन के लिए बढ़ाई गई क्लोजर ने जलदाय विभाग के सारे समीकरणों को गड़बड़ा कर रख दिया है. क्लोजर की बढ़ी अवधि ने जोधपुर को पेयजल संकट के मुहाने पर ला खड़ा किया है.
कब तक जोधपुर पहुंचेगा पानी?
सरहिंद फीडर पर मरम्मत का कार्य पूरा नहीं हो पाया है. ऐसे में अब इंदिरा गांधी नहर में 21 के बजाय 23 मई को पानी छोड़ा जाएगा. पानी के 30 मई तक जोधपुर पहुंचने की संभावना जताई जा रही है. दूसरी तरफ जोधपुर के जलाशयों में 30 मई तक का ही पानी उपलब्ध है. जोधपुर को 450 एमएलडी से 500 एमएलडी पानी की प्रतिदिन जरुरत है. ऐसे में अगर एक दिन भी पानी विलम्ब से आया तो शहर में संकट खड़ा हो जाएगा.
क्लोजर की अवधि दो दिन बढ़ी
क्लोजर की अवधि दो दिन बढ़ाने की जल संसाधन विभाग से सूचना मिलते ही जलदाय विभाग के आला अधिकारियों की मीटिंग बुलाई गई. सभी अधिकारियों की मीटिंग अभी तक जारी है. मीटिंग में अगले दस दिन के भीतर जोधपुर शहर में दो से तीन शट डाउन अर्थात जलापूर्ति रोकने के बारे में फैसला लिया जाएगा ताकि पानी पहुंचने में देर होने पर संकट खड़ा नहीं हो.
जलदाय विभाग के मुख्य अभियंता नीरज माथुर ने एबीपी न्यूज को बताया कि क्लोजर के बाद रिपेयरिंग का काम सही समय पर पूरा नहीं होने के कारण एक बार समस्या तो खड़ी हुई है लेकिन हमारे पास 4 दिन अधिक का पानी स्टोरेज है जिससे समस्या नहीं होगी. शहरवासियों से इस समय को देखते हुए अपील करना चाहता हूं कि पानी की बर्बादी नहीं करें. गार्डन में पानी का कम से कम इस्तेमाल करें. एक निर्णय लिया गया है कि जिस समय पानी की सप्लाई शुरू होगी उस दौरान शहर में टीमें बनाई गई हैं.
टीमें क्षेत्र में जाकर जांच करेंगी और कहीं पर भी पानी की बर्बादी वाली जगह पर पहले समझाईश दी जाएगी. उसके बाद सख्ती भी की जा सकती है. जोधपुर शहर से पाली जिले की प्यास बुझाने के लिए वाटर ट्रेन के जरिए प्रत्येक दिन पानी भेजा जा रहा है. संकट के समय में पाली प्रतिदिन पानी ट्रेन से भेजा जाएगा. उसमें किसी तरह का बदलाव नहीं किया जाएगा क्योंकि पाली की जनता के लिए भी पानी की जरुरत को पूरा किया जाएगा. 2 दिन और आगे बढ़ने से चिंता तो बनी है लेकिन सही समय पर पानी छोड़ दिया जाएगा जिससे पेयजल संकट जैसी समस्या नहीं होगी.