Jodhpur News: जोधपुर के थाने में नहीं दर्ज हुई ससुराल वालों के उत्पीड़न की शिकायत, कहा- 'तुम अपने दहेज का...'
Jodhpur Latest News: जोधपुर की एक वीडियो वायरल हो रहा है. इसमें एक महिला थानेदार पीड़िता से बदसलूकी कर रही है. इस घटना को लेकर एक एनजीओ ने ज्ञापन सौंप कर पूरे मामले में जांच की मांग की है.
Rajasthan News: राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा की सरकार महिलाओं की सुरक्षा और उन्हें न्याय दिलाने के मामले को लेकर काफी गंभीर है, लेकिन महिलाओं को न्याय दिलाने के लिए खोले गए महिला पुलिस थानों में क्या वास्तव में उनकी सुनवाई होती है? पीड़ित महिला जब थाने जाती हैं तो क्या उनमें वह विश्वास पैदा करने में पुलिस सफल है कि उसे न्याय मिलेगा? ऐसे तमाम सवालों के जवाब इस वायरल वीडियो में है. यह वायरल वीडियो पुलिस की कार्रवाई पर बड़े सवाल खड़े करती है.
थाने में पीड़िता से बदसलूकी
दरअसल, यह वायरल वीडियो जोधपुर की है. इसमें एक पीड़ित महिला जोधपुर पुलिस कमिश्नरेट पूर्व के महिला थाने की थानेदार दीप्ति गोरा से यह गुहार लगा रही हैं कि उनकी एफआइआर को दर्ज कर ली जाए, लेकिन पीड़िता को जवाब मिलता है कि तुम अपने दहेज का सामान ले जाओ. वायरल वीडियो में पीड़ित महिला रोते हुए कहती है कि आप मेरी एफआईआर कर लीजिए, मैं एफआईआर दर्ज करवाने के बाद ही सामान लेकर जाऊंगी. जिस पर थाना अधिकारी के जरिये कहा जाता है कि उसकी एफआईआर दर्ज नहीं होगी.
वीडियो में थाना अधिकारी को पीड़िता से कहते हुए सुना जा सकता है, "तुम्हारा वकील जैसा कहे वैसा कर लो, तुम्हें ज्यादा नॉलेज है, यहां कोई तमाशा थोड़ी है." हालांकि, इस दौरान महिला थानेदार यह भूल गई कि राज्य सरकार ने प्रदेश भर में प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज करवाने के अधिकार को लेकर कई जागरूकता अभियान चलाए हैं.
महिलाथाने की SHO का वीडियो वायरल पीड़ित महिला की F.I.R दर्ज करने से किया मना महिला पुलिसथाने बने कॉरपोरेट कमीशनखोरी के अड्डे रुपए देने वालो को मिलता है इंसाफ पीड़ित से पुलिस करते है दोस्ती NGO भी वसूली में जुटी@ABPNews @pravinyadav@ashokgehlot51@BhajanlalBjp @PoliceRajasthan pic.twitter.com/PyE27zSl3t
— करनपुरी (@abp_karan) July 29, 2024
ऐसे में प्रदेश के निरक्षर नागरिक को भी यह पता है कि थाने में जाकर शिकायत देने पर एफआईआर दर्ज करना जरूरी है. इस दौरान पीड़िता ने पूरे घटनाक्रम का वीडियो बना लिया. इस वीडियो को देखने के बाद यह साफ हो जाता है कि पीड़ित महिला का पुलिस पर किस तरह से विश्वास करे, यह समझ से परे है.
पुलिसकर्मियों पर महिला ने लगाए ये आरोप
इस घटना के सामने आने के बाद 'मेरी भावना' नामक संस्थान की संचालिका पवन मिश्रा ने जोधपुर पुलिस कमिश्नरेट को ज्ञापन सौंपकर पूरे मामले की जांच करवाने की मांग की है. इस ज्ञापन के माध्यम से और पीड़िता ने यह आरोप लगाया है कि उसकी एफआईआर दर्ज नहीं हो रही है.
इसके अलावा उसे 5 घंटे थाने बुलाकर बैठा लिया जाता है, लेकिन एफआईआर दर्ज नहीं होती. पीड़िता ने आरोप लगाया है कि थाने के कुछ स्टाफ उसे थाने के पीछे ले जाकर एफआईआर दर्ज करने के बदले दहेज के सामान का 20 फीसदी पैसा मांग रहे हैं, उस जगह पर सीसीटीवी नहीं हैं. पीड़िता ने थाने के कुछ पुरुष कर्मचारियों पर गंभीर आरोप लगाए हैं, जिसमें पीड़िता की तरफ से कहा गया है कि थाने के कुछ पुरुष कर्मचारियों की नियत और नजर उसको लेकर ठीक नहीं है.
'पीड़ितों से डील करने से नहीं चूकती काउंसलिंग NGO'
'मेरी भावना' नामक संस्थान संचालिका पवन मिश्रा ने बताया कि महिला थाने में काउंसलिंग के लिए एनजीओ की महिला स्टॉफ भी मौजूद रहती हैं. जो महिलाओं की काउंसलिंग करवाकर उनके घर को बसाने का काम करती है. उन्होंन कहा, "जोधपुर पुलिस थाने में मौजूद काउंसलिंग NGO महिला भी यहां पर डील करने से नहीं चूकती हैं. यहां पर काउंसलिंग कर रही महिलाएं भी हर चीज के लिए कमीशन मांगती हैं या सीधा कहा जाए तो वसूली कर रही हैं."
'इंसाफ दिलाने के नाम पर होता है शोषण'
पीड़िता के अधिवक्ता ओझा ने बताया कि महिलाएं अपने पति और ससुराल वालों के उत्पीड़न से परेशान होकर इंसाफ के लिए महिला पुलिस थाने पहुंचती हैं, लेकिन महिला पुलिस थाने में इंसाफ उन्हीं को मिलता है जो रुपये का लेनदेन करता है या पुलिस की शर्तों पर काम करता है.
अधिवक्ता ओझा ने कहा, "जिन महिलाओं के पास देने के लिए रुपये नहीं हैं, उनको सुनने वाला महिला पुलिस थाने में कोई नहीं है. यहां तक की जब महिलाएं शिकायत लेकर पुलिस थाने पहुंचती हैं, तो उनसे बदसलूकी की जाती है और उन्हें जलील कर भेज दिया जाता है." उन्होंने आगे कहा, "महिला पुलिस थाने में मौजूद पुलिसकर्मी भोली भाली पीड़ित महिलाओं से उनको न्याय दिलाने के नाम पर शोषण भी करते हैं और उनसे न्याय दिलाने के नाम पर सोशल मीडिया के जरिए दोस्ती कर लेते है. ऐसे कई मामले पहले भी सामने आ चुके हैं."
ये भी पढ़ें: पाताल में समा रहा शिवलिंग? सौ साल से जल रही ज्योति, जानें 1500 साल पुराने नीलकंठ महादेव मंदिर का इतिहास