Rajasthan High Court Chief Justice: बॉम्बे हाईकोर्ट (Bombay High Court) के न्यायाधीश एसएस शिंदे (Justice SS Shinde) राजस्थान हाईकोर्ट (Rajasthan High Court) के अगले मुख्य न्यायाधीश हो सकते हैं. सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम (Supreme Court Collegium) ने उनके नाम की सिफारिश कर दी है. अकील कुरैशी (Aqeel Qureshi) के मुख्य न्यायाधीश के पद से सेवानिवृत्त होने के बाद से न्यायाधीश मदन मोहन श्रीवास्तव (Madan Mohan Srivastava) कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश के रूप में कार्य संभाल रहे हैं. कॉलेजियम की सिफारिश पर अब केन्द्र सरकार (Central Government) फैसला करेगी.  


मराठावाड़ा विश्वविद्यालय से की लॉ की पढ़ाई
न्यायाधीश शिंदे का जन्म 2 अगस्त 1960 को हुआ था, उन्होंने मराठावाड़ा विश्वविद्यालय औरंगाबाद से लॉ की पढ़ाई की है. बाद में पुणे और इंग्लैंड के वारविक विश्वविद्यालय से एलएलएम की डिग्री हासिल की. उन्होंने नवंबर 1989 में बॉम्बे हाईकोर्ट की औरंगाबाद बैंच में एक वकील के रूप में अपना करियर शुरू किया था. 17 मार्च 2008 को उन्हें बॉम्बे हाईकोर्ट में न्यायाधीश नियुक्त किया गया था. 


ऐसे होती है जजों की नियुक्ति प्रक्रिया
कॉलेजियम सुप्रीम कोर्ट के नए जज की नियुक्ति के लिए वकीलों या जजों के नाम की सिफारिश केंद्र सरकार को भेजती है. इसी तरह केंद्र भी अपने कुछ प्रस्तावित नाम कॉलेजियम को भेजती है. केंद्र के पास कॉलेजियम से आने वाले नामों की जांच/आपत्तियों की छानबीन की जाती है और रिपोर्ट वापस कॉलेजियम को भेजी जाती है. सरकार इसमें कुछ नामों की अपनी तरफ से सिफारिश करती हैं.


कॉलेजियम, केंद्र द्वारा सिफारिश किए गए नए नामों और कॉलेजियम के नामों पर केंद्र की आपत्तियों पर विचार करके फाइल दोबारा केंद्र के पास भेजती है. यहां पर ये बताना जरूरी है कि जब कॉलेजियम किसी वकील या जज का नाम केंद्र सरकार के पास दोबारा भेजती है तो केंद्र को उस नाम को स्वीकार करना ही पड़ता है. राष्ट्रपति की मुहर लगने के बाद लिस्ट नाम फाइनल होता है. इसके बाद सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस नए जजों को शपथ दिलाते हैं.


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