Jyoti Mirdha Joins BJP: कांग्रेस की पूर्व सांसद ज्योति मिर्धा ने राजस्थान में कानून-व्यवस्था की खराब हालत का जिक्र करते हुए आरोप लगाया है कि कांग्रेस में कार्यकर्ताओं की अनदेखी हो रही है, कई लोग वहां घुट रहे हैं. लेकिन, अपनी बात ऊपर तक पहुंचाने के बाद भी कांग्रेस आलाकमान इन समस्याओं पर ध्यान नहीं दे रहा है, इसलिए लोग कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में शामिल हो रहे हैं.


सोमवार को बीजेपी राष्ट्रीय मुख्यालय में पार्टी का दामन थामने के बाद कांग्रेस आलाकमान और राज्य की गहलोत सरकार पर निशाना साधते हुए नागौर से कांग्रेस की पूर्व सांसद ज्योति मिर्धा ने कहा कि राजस्थान की हालत दयनीय हो गई है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मजबूत नेतृत्व के कारण उन्होंने बीजेपी में शामिल होने का फैसला लिया है.


ज्योति मिर्धा ने कहा कि साल 2023 में होने वाले विधानसभा और 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव में वह बीजेपी को राजस्थान में बड़ी जीत दिलाने के लिए प्रयास करेंगी. वहीं, बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव और राजस्थान प्रभारी अरुण सिंह के शाथ प्रदेश अध्यक्ष सीपी जोशी ने ज्योति मिर्धा के पार्टी में आने से बीजेपी के राजस्थान में मजबूत होने का दावा किया. उन्होंने कानून-व्यवस्था और राजस्थान में महिलाओं के खिलाफ लगातार बढ़ रहे आपराधिक घटनाओं का जिक्र कर प्रदेश के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पर जमकर निशाना साधा.


ज्योति मिर्धा ने जेपी नड्डा से की मुलाकात
बीजेपी में शामिल होने के बाद ज्योति मिर्धा और सवाई सिंह चौधरी ने राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से उनके आवास पर जाकर मुलाकात की. जेपी नड्डा ने दोनों नेताओं का पार्टी में स्वागत किया. इस मुलाकात के दौरान अरुण सिंह और सीपी जोशी सहित कई अन्य नेता भी मौजूद रहे. दरअसल, राजस्थान में विधानसभा चुनाव की घोषणा से पहले ही बीजेपी ने कांग्रेस को बड़ा झटका देते हुए पार्टी की पूर्व लोकसभा सांसद ज्योति मिर्धा को अपनी पार्टी में शामिल करा लिया है.


राजस्थान की राजनीति में मिर्धा परिवार का बड़ा कद
अरुण सिंह, अनिल बलूनी और सीपी जोशी की मौजूदगी में पार्टी के दिल्ली स्थित राष्ट्रीय मुख्ययाल में ज्योति मिर्धा ने सोमवार को भाजपा का दामन थाम लिया. इसके साथ ही रिटायर्ड आईपीएस अधिकारी और कांग्रेस के पूर्व विधायक के पुत्र सवाई सिंह चौधरी ने भी बीजेपी का दामन थाम लिया. आपको बता दें कि राजस्थान की राजनीति में मिर्धा परिवार का अपना एक राजनीतिक कद रहा है, जिसका फायदा कांग्रेस को मिलता रहा है. ज्योति मिर्धा राजस्थान कांग्रेस के दिग्गज जाट नेता रहे नाथूराम मिर्धा की पोती हैं और 2009 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस उम्मीदवार के तौर पर नागौर सीट से चुनाव जीत कर वह सांसद भी रह चुकी हैं.


लेकिन, 2014 के लोकसभा चुनाव में उन्हें बीजेपी उम्मीदवार सीआर चौधरी और 2019 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी समर्थित एनडीए उम्मीदवार राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी मुखिया हनुमान बेनीवाल से हार का सामना करना पड़ा था. क्योंकि राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी मुखिया हनुमान बेनीवाल अब एनडीए से किनारा कर चुके हैं, ऐसे में यह माना जा रहा है कि बीजेपी 2024 के लोकसभा चुनाव में उन्हें नागौर लोकसभा क्षेत्र से उम्मीदवार बना सकती है. हालांकि, इससे पहले उन्हें इस वर्ष के अंत तक राज्य में होने वाले विधानसभा चुनाव में अपनी राजनीतिक ताकत दिखानी होगी.


जाट मतदाताओं को साधने के लिए बीजेपी की रणनीति
माना जा रहा है कि राजस्थान के जाट समुदाय खासकर जाट मतदाता बहुल लोकसभा क्षेत्र नागौर में वोटरों को साधने के लिए बीजेपी ने उन्हें अपनी पार्टी में शामिल कराया है ताकि विधानसभा चुनाव में भी बीजेपी उम्मीदवारों के पक्ष में माहौल बनाया जा सके.


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