Jyoti Mirdha Effect Rajasthan Politics: नागौर की पूर्व सांसद ज्योति मिर्धा के बीजेपी में जाने का कई राजनीतिक दलों के सियासी समीकरण पर बड़ा असर पड़ेगा. नागौर, सीकर, झुंझुनू जिले की कई सीटों पर इसका बड़ा असर पड़ सकता है. जाट बाहुल्य क्षेत्रों में ज्योति का अपना एक बड़ा प्रभाव है. पिछले चुनाव में नागौर में ज्योति मिर्धा के लिए एक नारा चलता था 'बाबा की पोती है, नागौर की ज्योति है'. 


नागौर में इनका कम से कम 7 सीटों पर बड़ा असर माना जा रहा है. क्योंकि, ज्योति नाथू राम मिर्धा की पोती है. जाट लैंड में नाथूराम मिर्धा परिवार का बड़ा असर है. कांग्रेस के टिकट पर ज्योति मिर्धा नागौर से 2009 में लोकसभा सांसद भी रही हैं. कांग्रेस की बड़ी नेता मानी जाती रही हैं. पिछले चार सालों से वो नाराज बताई जा रही हैं. ज्योति के भाजपा में आने से कई बड़े सियासी समीकरण बदल जाएंगे.


ज्योति की ये खास बातें
ज्योति मिर्धा की शादी नरेंद्र गहलोत से हुई है. उनको एक बेटा है. ज्योति ने एसएमएस मेडिकल कॉलेज से एमबीबीएस किया है. इनका जन्म 26 जुलाई 1972 को नई दिल्ली में हुआ था. उनके पिता का नाम राम प्रकाश मिर्धा और माता का नाम वीणा मिर्धा है. वर्ष 2009 में चुनाव जीतने के बाद से लगातार 2014 और 2019 लोकसभा चुनाव हार रही हैं.


इन सीटों पर पड़ेगा असर
नागौर जिले में कुल 10 विधान सभा की सीटें हैं. जिनमें से इस बार हनुमान बेनीवाल भाजपा के लिए चुनौती पेश करने में लगे थे. मगर अब ज्योति के भाजपा में आने के बाद से कई सीटों पर समीकरण बदल जाएगा. हनुमान बेनीवाल की राजनीति पर बड़ा असर पड़ सकता है. कांग्रेस के लिए भी मुसीबत खड़ी हो सकती है. नागौर, डेगाना, खींवसर, लाडनूं और मकराना विधान सभा सीट पर बड़ा असर पड़ेगा. इन सीटों पर भाजपा के पास कोई मजबूत चेहरे न होने की वजह से विधानसभा और लोकसभा के लिए परेशानी खड़ी हो रही थी.


यह भी पढ़ें: Jyoti Mirdha Profile: कौन हैं ज्योति मिर्धा जिन्होंने चुनाव से ठीक पहले छोड़ा कांग्रेस का हाथ, BJP के साथ जाने का कितना पड़ेगा असर?