Kabaddi Tournament in Bharatpur: राजस्थान के भरतपुर विधानसभा में द्वितीय कबड्डी का महाकुंभ शुरू हुआ. मास्टर आदित्येन्द्र सीनियर सेकण्डरी स्कूल में आठ दिन तक चलने वाली इस प्रतियोगिता का शुभारंभ तकनीकी शिक्षा राज्यमंत्री डॉ.सुभाष गर्ग ने किया. उन्होंने खिलाड़ियों से आग्रह किया कि वे अपना खेल हार जीत की भावना से न खेल कर, खेल की भावना से खेलें . उन्होंने यह भी बताया कि हार के बाद ही जीत मिलती है. इस कबड्डी महाकुम्भ में भरतपुर विधानसभा क्षेत्र की 40 टीमें भाग ले रही हैं.
राजस्थान में खिलाड़ियों के लिए सुविधाएं
शुभारंभ के अवसर पर कबड्डी प्रतियोगिता में भाग ले रहे खिलाड़ियों को संबोधित करते हुए मंत्री डॉक्टर सुभाष गर्ग ने कहा कि भरतपुर में खेलों के विकास के लिए राज्य सरकार निरंतर प्रयासरत है. इसके तहत भरतपुर में सलीम दुर्रानी आवासीय स्पोर्ट्स स्कूल,स्पोर्ट्स कॉम्पलेक्स,सिंथेटिक ट्रैक बनाने के अलावा मास्टर आदित्येन्द्र सीनियर सैकेण्डरी स्कूल में क्रीडा संगम स्वीकृत किया गया है. उन्होंने यह भी बताया कि राज्य सरकार खिलाडियों को प्रोत्साहन देने के लिए आउट ऑफ टर्न सरकारी नौकरी देने और अंतरराष्ट्रीय और राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में खिलाड़ियों की पुरूस्कार राशि में वृद्धि कर दी है.
मंत्री डॉक्टर गर्ग ने कहा की खेलों से विद्यार्थियों में आत्मविश्वास की भावना मजबूत होती है. खेलों से शरीर और मन भी स्वस्थ्य बना रहता है. उन्होंने खिलाड़ियों से आग्रह किया कि वे अपना खेल हार जीत की भावना से न खेल कर, खेल की भावना से खेलें. उन्होंने यह भी बताया कि हार के बाद ही जीत मिलती है.
कबड्डी महाकुंभ में कितनी टीमें भाग ले रही हैं
इस प्रतियोगिता के संयोजक नटवर सिंह बताया कि कबड्डी की यह दूसरी प्रतियोगिता है जिसमें भरतपुर विधानसभा क्षेत्र की सभी 24 ग्राम पंचायतों की एक -एक टीम और भरतपुर शहर की 16 टीमें भाग ले रही हैं. प्रत्येक टीम में 12 खिलाड़ी शामिल हैं.कबड्डी प्रतियोगिता शुभारम्भ के अवसर पर स्कूली छात्राओं ने आकर्षक सांस्कृतिक प्रस्तुति दी.कबड्डी प्रतियोगिता का उद्घाटन मुकाबला मुरवारा व भरतपुर टीम संख्या 9 के बीच खेला गया.कार्यक्रम की अध्यक्षता नगर निगम के उप महापौर गिरीश चौधरी ने किया. इसके विशिष्ट अतिथि शहर कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष डॉ.दयाचंद पचौरी,महात्मा गांधी स्कूल शिक्षा के उपनिदेशक प्रेमसिंह कुन्तल,जिला शिक्षा अधिकारी प्रारंभिक शिक्षा रामेश्वर दयाल बंसल थे.
ये भी पढ़ें