Karanpur Assembly Results: सरपंच से लेकर सांसद तक अब तक लड़े 30 चुनाव, जानें- तीतर सिंह इस बार कितने मिले वोट
Karanpur Assembly Results: तीतर सिंह का कहना है कि वह अब तक लोकसभा के दस, विधानसभा के दस, जिला परिषद डायरेक्टर के चार, सरपंची के चार व वार्ड सदस्य के चार चुनाव लड़ चुके हैं.
Karanpur Assembly Results: राजस्थान के करणपुर विधानसभा सीट पर चुनाव लड़ने वाले दिहाड़ी मजदूर तीतर सिंह को इस बार 1223 वोट मिले हैं और वह चौथे स्थान पर रहे. दलित समुदाय के तीतर सिंह पिछले कुछ दशकों में सरपंची से लेकर विधायकी और सांसदी तक का हर चुनाव लड़कर चर्चा में आए हैं. कुल मिलाकर वह तीस से ज्यादा चुनाव लड़ चुके हैं.
दरअसल, करणपुर विधानसभा सीट का परिणाम सोमवार को घोषित किया गया. यह सीट एक बार फिर कांग्रेस के खाते में गई जहां से उसके उम्मीदवार रुपिंदर सिंह कुन्नर जीते हैं. निर्वाचन विभाग के आंकड़ों के अनुसार तीतर सिंह को कुल मिलाकर 1223 वोट मिले. उन्हें 2018 के विधानभा चुनाव में 653 वोट मिले थे. तीतर सिंह को 2008 के विधानसभा चुनाव में 938, 2013 के चुनाव में 427 तथा 2018 के विधानसभा चुनाव में 653 वोट मिले.
इस सीट पर विजेता व उपविजेता के अलावा केवल आम आदमी पार्टी के उम्मीदवार पिरथीपाल सिंह को एक हजार से ज्यादा वोट मिले हैं. सिंह को 11940 वोट मिले. इसके अलावा 1034 वोट 'नोटा' के खाते में गए.
राजस्थान के करणपुर विधानसभा क्षेत्र के एक छोटे से गांव ‘25 एफ’ में रहने वाले तीतर सिंह पर चुनाव लड़ने का जुनून सत्तर के दशक में तब सवार हुआ, जब वह जवान थे और उन जैसे अनेक लोग नहरी इलाकों में जमीन आवंटन से वंचित रह गए थे.
तीतर सिंह का कहना है कि वह अब तक लोकसभा के दस, विधानसभा के दस, जिला परिषद डायरेक्टर के चार, सरपंची के चार व वार्ड सदस्य के चार चुनाव लड़ चुके हैं. नामांकन पत्र के साथ दाखिल हलफनामे के अनुसार, इस समय उनकी उम्र 78 साल है.
यूं तो चुनाव लड़ते लड़ते तीतर सिंह की उम्र होने को आई है लेकिन इस बार उनका एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया जिसमें वह अपनी पत्नी के साथ नामांकन दाखिल करने के लिए जा रहे थे. इसके बाद से उनको लेकर मीडिया में चर्चा चलती रही.
राज्य में विधानसभा की 200 में से 199 सीटों के लिए 25 नवंबर को मतदान हुआ. इसका परिणाम तीन दिसंबर को घोषित किया गया. इसमें भाजपा को 115 व कांग्रेस को 69 सीटें मिलीं थीं.करणपुर सीट पर कांग्रेस प्रत्याशी और तत्कालीन विधायक गुरमीत सिंह कुन्नर के निधन के कारण चुनाव स्थगित कर दिया गया था.
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