Karanpur Election: राजस्थान के विधानसभा चुनावों में भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने भले ही एकतरफा जीत दर्ज करते हुए सरकार बना ली हो, लेकिन अभी भी सभी की नजर उस करणपुर विधानसभा सीट पर है, जहां आज यानी शुक्रवार को मतदान हो रहा है. हाल ही में संपन्न हुए विधानसभा चुनाव के दौरान राजस्थान की 200 में से 199 सीट पर ही चुनाव हुआ था.
श्री गंगानगर जिले की करणपुर विधानसभा सीट पर कांग्रेस पार्टी के प्रत्याशी गुरमीत सिंह कुन्नर के निधन के कारण चुनाव रद्द हो गए थे. चुनावी नतीजे सामने आने के बाद करणपुर में चुनाव के लिए आज यानी 5 जनवरी की तारीख तय की गई थी. कुन्नर इस सीट से विधायक भी थे और लंबी बीमारी से ग्रसित होने के चलते चुनावों के ठीक पहले उनका दिल्ली में निधन हो गया था.
जीत-हार से सरकार पर नहीं होगा कोई असर, लेकिन लड़ा प्रतिष्ठा की
इस एक सीट को जीतने या हारने से बीजेपी सरकार पर न कोई असर होने वाला है और न ही कांग्रेस को ही कोई फायदा. हालांकि फिर भी ये सीट प्रतिष्ठा की जंग बन गई है. दरअसल इस सीट से सुरेंद्रपाल सिंह टीटी बीजेपी के उम्मीदवार हैं. वो अभी चुनाव जीते भी नहीं हैं और बीजेपी ने उन्हें भजनलाल सरकार में मंत्री पद दे दिया है. इसको लेकर राजस्थान की सियासत गरमा गई है. विपक्षी कांग्रेस पार्टी बीजेपी के इस कदम को लेकर चुनाव आयोग के पास भी पहुंची है.
कांग्रेस ने खेला इमोशनल कार्ड, गुरमीत कुन्नर के बेटे को बनाया उम्मीदवार
वहीं कांग्रेस पार्टी ने करणपुर सीट से गुरमीत सिंह कुन्नर के बेटे रूपेंद्र कुन्नर को उम्मीदवार बनाया है. रूपेंद्र कुन्नर के लिए खुद पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने प्रचार करना शुरू किया था. दरअसल कांग्रेस सहानुभूति के जरिए चुनाव जीतने की कोशिश में हैं. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत भी करणपुर की जनता से अपील करते हुए कह चुके हैं कि इस सीट पर रूपेंद्र कुन्नर को विजयी बनाकर वो गुरमीत सिंह कुन्नर को सच्ची श्रद्धांजलि अर्पित करें. गहलोत खुद रूपेंद्र कुन्नर के नामांकन में शामिल हुए थे, जहां भारी जन सैलाब उमड़ा था.
राजस्थान की तरह ही क्या करणपुर में भी बरकरार रहेगा सत्ता बदलने का रिवाज
जैसे राजस्थान में पिछले तीन दशकों से सत्ता परिवर्तन का रिवाज रहा है, वैसे ही श्रीगंगानगर की करणपुर विधानसभा सीट पर भी 1998 से हर चुनाव में सत्ता परिवर्तन का रिवाज चलता आ रहा है. यहां 1998 के बाद से जो भी विधायक जीता, राज्य की सत्ता उसी पार्टी के हाथ में गई. 2018 में इस सीट से गुरमीत सिंह कुन्नर की जीत हुई थी और राज्य में कांग्रेस की सरकार बनी थी. इसबार राज्य में सरकार बीजेपी की है और इस सीट से बीजेपी के उम्मीदवार को मंत्री भी बना दिया गया है. अब देखना होगा कि क्या ये रिवाज करणपुर में भी बरकरार रहेगा. चुनाव के नतीजे 8 जनवरी को आएंगे.
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