Rajasthan News: राजस्थान का एक मात्र जिला खगोलीय घटना के रूप में जाना जाता है. उदयपुर संभाग के बांसवाड़ा से कर्क रेखा गुजरती है. प्रशासन अब इसे उत्सव के रूप में मनाने जा रहा है. कर्क संक्रांति उत्सव के दौरान कई आयोजन होना प्रस्तावित है.

बांसवाड़ा के संभागीय आयुक्त नीरज के पवन ने बैठक कर कमेटी का गठन कर दिया है. उन्होंने बताया कि 14 और 15 जनवरी को देशभर के कई स्थानों पर खगोलीय घटना मकर संक्रांति का आयोजन किया जाता है. इसलिए कर्क संक्रांति को भी मकर संक्रांति की तर्ज पर मनाया जायेगा.

 

बांसवाड़ा से भी कर्क रेखा गुजरती है. इसी को लेकर इस बार कर्क संक्रांति 16 जुलाई को मनाई जाएगी. उन्होंने कहा कि पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए आयोजन भी किए जाएंगे. संभागीय आयुक्त ने आगे बताया कि 21 जून को कर्क रेखा पर सूर्य की किरणें 100 प्रतिशत लंबवत होंगी.

इस खगोलीय घटना को भी उत्सव के रूप में मनाया जाएगा. यहीं नहीं आयुक्त नीरज के पवन ने जिला शिक्षा अधिकारियों को निर्देश जारी किये हैं. निर्देश में सभी स्कूलों से बच्चों को घटना के बारे में जानकारी देने की अपील की गयी है.

 

बांसवाड़ा में कब मनायी जायेगी संक्रांति?

 

जिले में कर्क रेखा गुजरने वाली जगह को चिन्हित करने का फैसला भी लिया गया है. उन्होंने कहा कि साइन बोर्ड बनाकर आने वाले पर्यटकों को रूबरू कराया जायेगा. आपकों बता दें कि उदयपुर में हर साल पर्यटकों की संख्या बढ़ रही है. पर्यटकों को बांसवाड़ा तक ले जाने और ठहराव के लिए प्रशासन की तरफ से कई प्रयोग किए जा रहे हैं. 100 द्वीपों वाले शहर बांसवाड़ा में पर्यटकों का आना शुरू हुआ है. पर्यटन को और बढावा देने के प्रयास किए जा रहे हैं. राजस्थान का दूसरा सबसे बड़ा माही बजाज डेम भी बांसवाड़ा में है.