Kota News: कर्मयोगी सेवा संस्थान अपने कार्यों के लिए अलग ही पहचान रखती है. कोटा में उनके द्वारा किए जा रहे कार्य अनूठे होते हैं. जिन कामों से लोग दूरियां बनाते हैं संस्थान वहीं कार्य को प्राथमिकता देती है. कोटा शहर में लावारिस शवों को उठाया जाता है, उनका अंतिम संस्कार किया जाता है और उसके बाद अस्थियों को विधि विधान से सम्मान के साथ गंगा में प्रवाहित किया जाता है. 


कोटा उत्तर अध्यक्ष अनिल कुमार शर्मा के नेतृत्व में 16 सदस्यों का दल हरिद्वार के लिए प्रस्थान कर गया. इससे पूर्व कर्मयोगी सेवा संस्थान और अन्य लोगों ने दिवंगतों को श्रद्धांजलि अर्पित की.


आठ महीने में 102 लावारिस असहाय का किया अंतिम संस्कार
संस्थापक राजाराम जैन कर्मयोगी अध्यक्ष अलका दुलारी जैन कर्मयोगी ने बताया कि 26 नवंबर 2023 से 26 जुलाई 2024 तक विगत 8 माह मैं कोटा जिले के विभिन्न थाना क्षेत्र से संस्थान को 102 अज्ञात डेड बॉडी अंत्येष्टि के लिए सुपुर्द कि गई थी, जिनका संस्थान द्वारा विधि विधान से अंतिम संस्कार करते हुए अस्थियां हरिद्वार गंगा जी में विसर्जित करने के लिए एकत्रित की गई थी. 


इनमें से चार लोगों की पहचान हो  जाने के होने के कारण अस्थियां परिजनों को दी गई. शेष 98 अस्थि कलश हरकी पौड़ी हरिद्वार गंगा जी में विसर्जित किए जाएंगे. विगत 8 महीने में उत्तर दक्षिण के विभिन्न वार्ड में निवास करने वाले 46 गरीब निराश्रित मृतकों के अंतिम संस्कार के लिए संस्थान द्वारा व्यवस्था उपलब्ध करवाई गई. 


उनके परिजन असमर्थ होने के कारण अस्थियां हरिद्वार गंगा में विसर्जन के लिए संस्थान के सुपुर्द की गई थी.  कुल मिलाकर 146 अस्थि कलश का इस बार 28 जुलाई को हरिद्वार पंडित पुरोहित प्रमुख नरेश प्रधान के द्वारा विधि विधान के साथ हर की पौड़ी पर विसर्जन करवाया जाएगा.


वर्ष 2007 से की जा रही सेवा
अल्का दुलारी ने बताया कि इससे पूर्व 26 नवंबर 2023 को 156 अस्थि कलश का हरिद्वार में विसर्जन किया गया था. कर्मयोगी सेवा संस्थान द्वारा वर्ष 2007 से अब तक 25 अस्थि कलश यात्राओं के माध्यम से 6379 अस्थि कलश विसर्जन  किए जा चुके हैं. 26 वीं अस्ति कलश यात्रा मैं 146 अस्थि कलश विसर्जित किए जाएंगे.


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