Rajasthan: कांग्रेस की कर्नाटक जीत ने कांग्रेस नेताओं में भरा जोश, बोले- अब राजस्थान, मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ की बारी
Rajasthan Politics: कर्नाटक जीत का असर राजस्थान के चुनाव में कितना होगा. यह तो देखने वाली बात होगी. मगर कांग्रेस पार्टी क्या सचिन पायलट और अशोक गहलोत की आपसी रार को ख़त्म करा पायेगी .
Rajasthan Congress: कांग्रेस पार्टी की हिमाचल जीत के बाद अब कर्नाटक जीत ने कांग्रेस के नेताओं को संजीवनी बूटी का काम किया है और कांग्रेस पार्टी के पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं में जोश भर दिया है . अब कांग्रेस पार्टी के नेता कहने लगे है की अब राजस्थान ,मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ फतेह करना है . कांग्रेस पार्टी अब स्थानीय मुद्दों के सहारे ही चुनाव मैदान में उतरने की तैयारी कर रही है .
कर्नाटक की जीत के बाद राजस्थान कांग्रेस में आत्मविश्वास बढ़ा है. कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने कर्नाटक के जीत की ख़ुशी ढोल पर ठुमके लगाकर ,मिठाई बांटकर आतिशबाजी चलाकर जश्न मनाया. सभी जगह कांग्रेस के नेता यही कहते देखे गए की अब राजस्थान के साथ ही मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ क भी फ़तेह करना है. साथ ही 2024 लोकसभा चुनाव की रणनीति भी अभी से बनानी है .
यात्रा किसी के खिलाफ नहीं है
कर्नाटक जीत का असर राजस्थान के चुनाव में कितना होगा. यह तो देखने वाली बात होगी. मगर कांग्रेस पार्टी क्या सचिन पायलट और अशोक गहलोत की आपसी रार को ख़त्म करा पायेगी . सचिन पायलट ने अपनी कांग्रेस सरकार के खिलाफ ही जन संघर्ष यात्रा शुरू की हुई है. सचिन का कहना है की यह यात्रा किसी के खिलाफ नहीं है. तो यात्रा निकलने का का क्या कारण है .वसुंधरा सरकार के समय हुए घोटाले की जांच और पेपर लीक का मुद्दा लेकर सचिन पायलट ने जन संघर्ष यात्रा शुरू की है. लेकिन सचिन पायलट ने यह यात्रा अब चुनाव नजदीक होने पर ही क्यों निकाली है पहले क्यों नहीं निकाली थी.
जनता का नुकसान हो रहा है
भारतीय जनता पार्टी के कद्दावर नेता राजेन्द्र सिंह राठौड़ ने कहा था की सचिन पायलट जब डेढ़ वर्ष उपमुख्यमंत्री रहे तब और 4 वर्ष से विधानसभा के सदन में वसुंधरा सरकार द्वारा किये घोटाले की जांच की मांग क्यों नहीं की. जब वसुंधरा सरकार ने कोई घोटाला किया ही नहीं है तो जांच की मांग कैसे करते . यह सचिन पायलट की और अशोक गहलोत की मुख्यमंत्री की कुर्सी को लेकर आपसी लड़ाई है. इसमें नुकसान जनता का हो रहा है .
कांग्रेस कार्यकर्ताओं का आत्मबल बढ़ा
कांग्रेस पार्टी की कर्नाटक की जीत ने कार्यकर्ताओं में जोश भर दिया है. कांग्रेस के नेता कहने लगे है की राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा नफरत के बाजार में प्यार की दुकान खोलने वाली बात को सिद्ध कर दिया है . कांग्रेस पार्टी की हिमाचल के बाद कर्नाटक में जीत से कांग्रेस कार्यकर्ताओं का आत्मबल बढ़ा है . भारतीय जनता पार्टी की कांग्रेस मुक्त भारत बनाने की कही बात अब उन्हीं पर लागू होगी . अब कांग्रेस पार्टी राजस्थान के साथ मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ को फ़तेह करेगी .
जनता सरकार के काम से खुश है
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत मिशन 156 को लेकर कहते है की जनता राजस्थान की सरकार से नाराज नहीं है . भारतीय जनता पार्टी के पास कोई मुद्दा ही नहीं है . जिसे लेकर भारतीय जनता पार्टी जनता के बीच जाये . राजस्थान की जनता चाहे कोई वर्ग हो सरकार के काम से खुश है . अगर राजस्थान की सरकार खुश नहीं है तो वो है भारतीय जनता पार्टी क्योंकि इस बार इनके लिए कोई मुद्दा ही नहीं छोड़ा है सरकार के खिलाफ बोलने के लिए .
अशोक गहलोत द्वारा महंगाई राहत शिविरों में काफी भीड़ उमड़ रही है. कांग्रेस के नेता भी भीड़ के बीच पहुंच कर काफी राहत महसूस कर रहे है . वहीं भारतीय जनता पार्टी भी राहत शिविरों की काट करने में लगी है. पेपर लीक ,महिलाओं के खिलाफ अत्याचार अपराध बढ़ने का आरोप लगाकर कांग्रेस की सरकार पर सवालिया निशान लगा रही है .
अब देखने वाली बात यह होगी की कर्नाटक के बाद राजस्थान में किस रणनीति के तहत कांग्रेस पार्टी चुनाव लड़ेगी. क्या कांग्रेस के आला कमान सचिन पायलट और अशोक गहलोत की रार को ख़त्म कर पाएंगे . किसकी अगुवाई में होगा राजस्थान का विधानसभा चुनाव. क्या निर्णय लेता लेते है कांग्रेस के आला कमान.ये तो आने वाला समय ही बताएगा,की किस करवट बैठेगा राजनीतिक ऊंट .
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