Khatu Shyam Mandir: खाटू श्याम मंदिर में फाग महोत्सव का शुभारंभ, नगर भ्रमण को निकलेंगे श्याम बाबा
Fag Mahotsav: खाटू वाले श्याम बाबा के मंदिर महंत रोहित महाराज ने बताया कि बुधवार शाम को श्याम बाबा के मंदिर पर हल्दी-मेहंदी की रस्म है. सनातन धर्म में किसी भी शुभ कार्य से पहले हल्दी लगाई जाती है.
Fag Mahotsav 2023: राजस्थान के भरतपुर जिले में श्री श्याम बाबा संकीर्तन समिति द्वारा गांधी पार्क के पास स्थित खाटू श्याम बाबा के मंदिर पर 7 दिवसीय फागोत्सव 1 मार्च बुधवार से शुरू होगा. भरतपुर ब्रज क्षेत्र में आता है, इसलिए यहां पर होली से पहले कृष्ण भगवान के मंदिरों में फाग महोत्सव शुरू हो जाता है.
खाटू श्याम बाबा के मंदिर पर बुधवार को हल्दी-मेहंदी का कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा, जिसमें हजारों की संख्या में महिलाएं भाग लेंगी. उसके बाद महिला संगीत होगा, जिसमें श्याम बाबा का भजन-कीर्तन होगा. 2 मार्च को श्याम बाबा नगर भ्रमण पर निकलेंगे, जहां मुख्य बाजार में खाटू नरेश श्याम बाबा का जगह-जगह पुष्प वर्षा कर स्वागत किया जाएगा. 3 मार्च शुक्रवार को भव्य जागरण का आयोजन होगा, जिसमें देश के कई खाटू नरेश के भजनों के गायक कलाकार भाग लेंगे और श्याम बाबा के भजन गाएंगे. इस तरह 1 मार्च से लेकर 7 मार्च तक श्याम बाबा का फागोत्सव कार्यक्रम चलेगा.
फागोत्सव में शामिल होंगे ख्याति प्राप्त कलाकार
बुधवार को फागोत्सव के लिए प्रकाशित पुस्तक का विमोचन किया गया और कार्यकारिणी के नए सदस्यों का स्वागत किया गया, जिसमें महामंत्री पद पर विकास सोनी, कार्यकारिणी सदस्य सुचित खंडेलवाल, भानु प्रताप सिंह का स्वागत किया गया. मंदिर महंत रोहित महाराज ने फागोत्सव की सात दिवसीय तैयारियों की जानकारी दी. उन्होंने बताया फागोत्सव में ख्याति प्राप्त कलाकार बाबा के भजनों का गुणगान करेंगे.
क्या कहना है महंत का
गांधी पार्क के पास स्थित खाटू वाले श्याम बाबा के मंदिर के महंत रोहित महाराज ने बताया है कि बुधवार शाम को श्याम बाबा के मंदिर पर हल्गी-मेहंदी की रस्म है. सनातन धर्म की परंपरा है कि किसी भी शुभ कार्य से पहले हल्दी की रस्म निभाते हैं. श्याम जगत में माना जाता है कि फाल्गुन में साल भर का त्योहार मनाया जाता है, जो श्याम बाबा के मंदिर में 7 दिन तक मनाया जाएगा.
हल्दी-मेहंदी, महिला संगीत और बाबा के नगर भ्रमण के बाद मंदिर में महाआरती और जागरण होगा. बाबा के मंदिर की परंपरा है कि ग्यारस की रात जगाई जाती है और बारस को अर्जी लगाई जाती है. जो लोग ग्यारस के जागरण में रहकर बारस को अर्जी लगाते हैं, उनकी अर्जी कभी खली नहीं जाती और उनकी हर मनोकामना पूर्ण होती है.
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