(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
Khatu Shyam Mela 2023: सिर पर सिगड़ी लेकर खाटू आती हैं महिलाएं, जानें बरसों पुरानी परंपरा के पीछे क्या है वजह
Khatu Shyam Mandir: खाटू श्याम के भक्तों को जितना इंतजार लक्खी मेले का होता है उतनी ही बेसब्री से वो यहां झुंझुनूं (Jhunjhunu) जिले के सूरजगढ़ से आने वाली निशान पदयात्रा का करते हैं.
Khatu Shyam Mela 2023: फाल्गुन माह की शुरूआत होते ही राजस्थान (Rajasthan) के सीकर (Sikar) जिले में स्थित खाटू श्याम जी मंदिर (Khatu Shyam Ji Mandir) में देशभर से भक्त पहुंचने लगे हैं. आगामी 22 फरवरी से यहां लक्खी मेला (Khatu Shyam Mela 2023) का आयोजन होगा. मेले के दौरान लाखों श्रद्धालु हाथों में निशान (झंडा) थामे पदयात्रा कर यहां पहुंचते हैं. जितना इंतजार बाबा के भक्तों को लक्खी मेले का होता है उतनी ही बेसब्री से वो यहां झुंझुनूं (Jhunjhunu) जिले के सूरजगढ़ से आने वाली निशान पदयात्रा का करते हैं.
क्याें खास है सूरजगढ़ की निशान पदयात्रा
सूरजगढ़ से खाटू पहुंचने वाली निशान पदयात्रा श्याम प्रेमियों के बीच बेहद प्रसिद्ध है. इस यात्रा में शामिल होने और दर्शन करने के लिए भक्त देश-विदेश से आते हैं. पदयात्राओं में यह यात्रा सबसे अलग और अनूठी है. इस यात्रा की सबसे खास बात यह है कि इस पदयात्रा में शामिल होने वाली महिलाएं हाथों में निशान लेने के साथ सिर पर सिगड़ी रखकर चलती हैं. मान्यता है कि जिस महिला की बाबा से की गई मनोकामना पूरी हो जाती है वो अपने सिर पर सिगड़ी रखकर मंदिर पहुंचती है और बाबा काे अर्पित करती है. बाबा के मंदिर पहुंचने वाले निशान में सूरजगढ़ का निशान ही बाबा के मंदिर शिखर पर चढ़ता है.
327 साल से जारी है यह अनूठी परंपरा
माना जाता है कि सूरजगढ़ से खाटू तक पहुंचने वाली यह निशान पदयात्रा करीब 327 साल पुरानी है. सर्वप्रथम विक्रम संवत 1752 में अमरचंद भोजराजका परिवार ने इस पदयात्रा की शुरूआत की थी. बताते हैं कि उस वक्त अंग्रेजी हुकूमत ने श्याम मंदिर के बाहर ताला लगा दिया था. तब इसी निशान की अगुवाई कर रहे सांवलाराम के कहने पर एक भक्त मंगलाराम ने मोरपंख से ताला तोड़ दिया था. तब से अब तक यह पदयात्रा हर साल आयाेजित की जाती है.
90 घंटे में पूरी होती है 150 किलोमीटर की यात्रा
सूरजगढ़ से शुरू होकर गुढ़ा होते हुए खाटू पहुंचने वाली पदयात्रा करीब 150 किलाेमीटर का सफर 90 घंटे में पूरा करती है. यात्रा में शामिल महिलाएं बाबा के भजनों पर झूमते हुए आगे बढ़ती हैं. यात्रा में भक्तों का उत्साह देखते ही बनता है. जैसे-जैसे यात्रा आगे बढ़ती है वैसे-वैसे भक्तों की संख्या में भी बढ़ोतरी होती है. अनुमान के मुताबिक, करीब 10 हजार भक्त इस पदयात्रा में शामिल होते हैं. इस पदयात्रा में कई ऊंट गाड़ियां भी शामिल होती है.
इस साल कब निकलेगी सूरजगढ़ पदयात्रा
हर साल की तरह इस साल भी फाल्गुन मेले के दौरान सूरजगढ़ निशान यात्रा (Surajgarh Nishan Yatra 2023) का आयोजन किया जाएगा. यह निशान पदयात्रा फाल्गुन शुक्ल छठी और सप्तमी को सूरजगढ़ से प्रस्थान करेगी और द्वादशी के दिन इन निशान को मंदिर शिखर पर चढ़ाएंगे. सूरजगढ़ से दो निशान खाटू ले जाए जाते हैं. एक निशान प्राचीन श्याम मंदिर से और दूसरा श्याम दरबार से लेकर जाते हैं. इस साल 26 फरवरी और 27 फरवरी को निशान पदयात्रा खाटू के लिए प्रस्थान करेगी. 4 मार्च को जयकारों के बीच दोनों निशान खाटू श्याम मंदिर शिखर पर चढ़ाएंगे. निशान चढ़ाने के लिए खाटू में खास इंतजाम किए जाते हैं.
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