Rajasthan News: राजस्थान के अजमेर में स्थित विश्व विख्यात ख्वाजा मोईनुद्दीन हसन चिश्ती की दरगाह में तैनात कर्मचारियों की निगरानी अब मोबाइल ऐप से होगी. गरीब नवाज दरगाह कमेटी ने कर्मचारियों की ड्यूटी लोकेशन ट्रेस करने के लिए आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस तकनीक का इस्तेमाल करेगी. अल्पसंख्यक मामला मंत्रालय के निर्देश पर कमेटी ने आईटी कंपनी से खास तरह का मोबाइल ऐप खरीदा है.
गरीब नवाज में दरगाह में जायरीनों की संख्या में हर साल लगातार इजाफा हो रहा है. ऐसे में यहां आने वाले अकीदतमंदों की सुरक्षा और दरगाह में व्यवस्थाएं बेहद जरूरी है. केंद्र सरकार के 1955 दरगाह एक्ट के तहत यहां कमेटी का गठन किया गया. अध्यक्ष-सदस्यों के अलावा 200 से अधिक कर्मचारी यहां कार्यरत हैं. यह कमेटी दरगाह में संपत्तियों की देखरेख करती है. दरगाह परिसर में स्वच्छता, सुरक्षा, लेखा और अन्य कामकाज भी इस कमेटी के जिम्मे है.
कर्मचारियों का होगा रजिस्ट्रेशन
कमेटी अब आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस-जीपीएस तकनीक के जरिए कर्मचारियों के कामकाज पर नजर रखेगी. हर कर्मचारी को अपने मोबाइल में ऐप डाउनलोड करना होगा. ऐप डाउनलोड करने के बाद प्रत्येक कर्मचारियों को ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन करना आवश्यक होगा.
दरगाह में पेपरलेस वर्क
दरगाह कमेटी में पेपरलेस वर्क को प्राथमिकता दी जा रही है. यहां ईआरपी सिस्टम के तहत ई-फाइल सिस्टम भी तैयार किया जा रहा है. जिससे दरगाह से जुड़ी सभी पत्रावलियां और दस्तावेज ऑनलाइन होंगे. कर्मचारी मोबाइल और कंप्यूटर पर कामकाज करेंगे. ऐसा होने से जरूरत के वक्त दस्तावेज खंगालने में समय नहीं लगेगा. कोई भी जानकारी एक क्लिक पर सामने आ जाएगी.
ऐप के जरिए ऐसे होगा काम
आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस तकनीक के जरिए कर्मचारियों की ड्यूटी लोकेशन को ट्रेस कर सकेंगे. कार्मिक की ड्यूटी भी ऑनलाइन चेंज कर सकेंगे. कहीं भी अव्यवस्था होने पर मोबाइल पर मैसेज भेजकर कर्मचारियों को निर्देश देना आसान होगा. ऐप का इस्तेमाल करने वाले हर कर्मचारी का अपना पासवर्ड होगा. छुट्टी लेने के लिए अवकाश प्रार्थना पत्र भी कर्मचारी घर बैठे ही ऑनलाइन भेज सकेगा. किसी कर्मचारी के अवकाश लेने पर ऑनलाइन ही वैकल्पिक व्यवस्था की जा सकेगी. लैपटॉप और मोबाइल पर दरगाह की लोकेशन रहेगी.