Kirodi Lal Meena on Mahesh Joshi: बीजेपी सांसद किरोड़ी लाल मीणा (Kirodi Lal Meena) ने आज बीजेपी मुख्यालय में प्रेस वार्ता करके पीएचईडी विभाग के मंत्री और एसीएस पर बड़ा आरोप लगाया है. उन्होंने राजस्थान में जल जीवन मिशन के तहत पीएचईडी मंत्री महेश जोशी (Mahesh Joshi) और पीएचईडी के अतिरिक्त मुख्य सचिव सुबोध अग्रवाल के खिलाफ 20 हजार करोड रुपये के घोटाले का गंभीर आरोप लगाया है.


डॉ किरोडी मीणा ने आरोप लगाते हुए कहा, "पीएचईडी विभाग द्वारा प्रदेश में जल जीवन मिशन के अंतर्गत अपनी चहेती दो फर्मों गणपति ट्यूबवैल कंपनी शाहपुरा और श्री श्याम ट्यूबवैल कंपनी शाहपुरा को विगत दो वर्षों में फर्जी अनुभव प्रमाण पत्रों के आधार पर एक हजार करोड़ से अधिक के टेंडर जारी किए हैं. जब इस मामले में मंत्री महेश जोशी से संपर्क किया गया तो उनसे संपर्क नहीं हो पाया. उनका मोबाइल नम्बर स्विच ऑफ था और सुबोध अग्रवाल से भी संपर्क नहीं हो पाया." 


किरोड़ी लाल मीणा ने लगाए ये आरोप
डॉ. किरोडी मीणा ने आगे कहा, "इन दोनों फर्मों ने भारत सरकार के उपक्रम इरकॉन इंटरनेशनल लिमिटेड के फोरमेट की नकल करके उसी पर फर्जी अनुभव प्रमाण पत्र तैयार करवाए और इसी के आधार पर पीएचईडी विभाग से कार्य आदेश प्राप्त कर लिए. इसमें अकेले गणपति ट्यूबवैल कंपनी ने दो वर्षों में 900 करोड़ के कार्य आदेश पीएचईडी अधिकारियों से मिलीभगत के आधार पर फर्जी दस्तावेजों के आधार पर मिले हैं. 


कार्रवाई न होने का आरोप
किरोड़ी लाल मीणा ने कहा, "इरकॉन इंटरनेशनल लिमिटेड ने 22 मार्च 2023 और 6 अप्रैल 2023 को पीएचईडी विभाग के अधिकारियों को ई-मेल के द्वारा इस फर्जीवाडे के बारे में सूचित किया, लेकिन अधिकारियों की मिलीभगत के चलते कोई कार्रवाई नहीं हुई. वहीं इरकॉन इंटरनेशनल लिमिटेड ने विगत  7 जून 2023 को  अतिरिक्त मुख्य सचिव सुबोध अग्रवाल को भी पत्र लिखकर इस मामले की जानकारी दी. लेकिन अधिकारियों की मिलीभगत के चलते इस पर कोई कार्रवाई नहीं हुई." 


'नहीं किया गया मोलभाव'
मीणा ने ये भी कहा, "इस मामले के पूर्व के तथ्यों पर नजर डालने पर पता चला कि विगत 6 अक्टूबर 2021 से 24 नवंबर 2022 के मध्य 11 विभिन्न कार्यों के लिए 48 निविदाएं आमंत्रित की गई थी. जिनका कुल मूल्य लगभग दस हजार करोड था. इस दौरान नियमों की अवहेलना करते हुए निविदा प्रीमियम और राज्य के  हिस्से की राशी को कम करने के उद्देश्य से प्रमुख परियोजना के 27 जलजीवन मिशन कार्यों की पेशकश री-बिड पर बातचीत करने का स्पष्ट रूप से निर्देश दिया गया है. जिसमें निविदा प्रीमियम नियमानुसार 10 फीसदी से अधिक पाए गए. इसके अलावा इन सभी निविदाओं में किसी तरह का कोई मोलभाव नहीं किया गया." 


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