Rajasthan Politics: पुलवामा के आतंकी हमले में शहीद हुए वीर जवान की वीरांगनाओं के साथ धरने पर किरोड़ी लाल मीणा
Kirori Lal Meena Dharna: सदन में बोलने के बाद भी राजेंद्र सिंह गुढ़ा सदन से बाहर धरने पर बैठे भाजपा के राज्यसभा सांसद किरोड़ी लाल मीणा के धरने पर पहुंचे. वहां पर भी उन्होंने अपनी बात कही.
Jaipur News: पुलवामा के आतंकी हमले में शहीद हुए वीर जवान की वीरांगनाओं के लिए सदन में मंत्री राजेंद्र सिंह गुढ़ा (Rajendra Singh Gudha) ने आवाज उठाई और उनके साथ प्रशासन के व्यवहार पर भी प्रहार किया. वहीं सदन से बाहर भाजपा के राज्यसभा सदस्य किरोड़ी लाल मीणा (Kirodi Lal Meena) ने भी धरने के रूप में मैदान संभाल लिया.
सैनिक कल्याण राज्य मंत्री राजेंद्र सिंह गुढ़ा ने सैनिकों के मामले पर अपना जवाब विधानसभा में दिया है. उन्होंने कहा कि यह बात सही है कि कलेक्टरों और रवेन्यू अफसरों की ओर से शहीदों के परिजनों को बिल्कुल कॉपरेट नहीं किया जाता. इस मामले में राज्य सरकार के द्वारा शहीदों को 25 लाख रुपये और 25 बीघा जमीन, 25 लाख रुपये और हाउसिंग बोर्ड का मकान या 50 लाख रुपये देने का प्रावधान है. उन्होंने कहा सच में कलेक्टर लेवल पर और कुछ रवेन्यू अफसरों के द्वारा सच में शहीदों के परिजनों को सहयोग नहीं किया जाता. सदन में बोलने के बाद भी राजेंद्र सिंह गुढ़ा सदन से बाहर धरने पर बैठे भाजपा के राज्यसभा सांसद किरोड़ी लाल मीणा के धरने पर पहुंचे. वहां पर भी उन्होंने अपनी बात कही. उन्होंने इस मुद्दे को आज बहुत ही बेबाकी से कही.
सदन के बाहर भी वहीं बयान
सदन से बाहर धरने पर बैठे किरोड़ी लाल मीणा के धरने में पहुंचे मंत्री राजेंद्र सिंह गुढ़ा ने कहा कि अपनी मांगों को लेकर धरने पर बैठी वीरांगनाओं एवं राज्यसभा सांसद किरोड़ी लाल मीणा से मुलाक़ात हुई है.उनकी माँगो की सुनवाई कर सम्बंधित अधिकारियों से बात कर जल्द से जल्द उनको पूरा करने के लिए निर्देशित किया है. जिन वीरों ने देश के लिए शहादत दी है, उनके परिवारों के अधिकारों की रक्षा करना हमारा कर्तव्य है.
किरोड़ी लाल मीणा ने दिखाई ताकत
डॉक्टर किरोड़ी ने तीनों वीरांगनाओं के साथ शासन सचिवालय में मुख्यमंत्री सचिव आरती डोगरा से मुलाक़ात की है. वार्ता में कुछ बिंदुओं पर सहमति बनी पर वीरांगनाओं की मुख्य मांगों पर सहमति नहीं बन पाई है. पुलवामा में आतंकी हमले में शहीद हुए वीर जवान की वीरांगनाओं की माँगे थी की सड़क निर्माण , स्कूल का शहीद के नाम नामकरण और आश्रित को सरकारी नौकरी दी जाए. जिसकी घोषणा राज्य सरकार ने शहीदों के दाह संस्कार के समय की थी लेकिन अभी तक सरकार ने अपना वायदा निभाया नहीं है. इस अवसर पर डॉक्टर किरोड़ी लाल मीणा ने कहा कि मुख्यमंत्री को इसमें राजनीति न करके देश के लिए बलिदान देने वाले वीर जवानों के परिजनों की जायज मांगो को तुरंत मान लेना चाहिए .शाम करीब सात बजे वीरांगनाओं के साथ सैकड़ों युवाओ ने कैंडिल मार्च किया.
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