Rajasthan: गोली चलाने के अलावा और भी बहुत करना जानते हैं ये जवान, यकीन ना हो तो खुद देख लें ये तस्वीरें
Jodhpur BSF Training Centre: सहायक प्रशिक्षण केन्द्र, जोधपुर में कठोर ट्रेनिंग के बाद जितना भी समय मिलता है तो जवान अपनी संस्कृति से जुड़े रहकर अन्य कार्यों में भी हाथ आजमा लेते हैं.
STC BSF Jodhpur Training Centre: भारत देश को अनेकता में एकता (Unity in Diversity) का प्रतीक माना जाता है. देश की सुरक्षा का जज्बा रखने वाले जवान सभी राज्यों से आते हैं. इन सभी को संस्कृति से जोड़े रखने के लिए बीएसएफ एसटीसी ट्रेनिंग सेंटर (BSF Training Centre) में कई तरह के रंगारंग कार्यक्रम और हॉबी क्लब भी बनाए गए हैं. कठोर ट्रेनिंग के बाद जितना भी समय मिलता है तो जवान अपनी संस्कृति से जुड़े रहकर नाच गाने से लगाकर चित्रकारी (Painting) और रंगोली में भी हाथ आजमा लेते हैं.
कई तरह का हुनर भी रखते हैं जवान
देश की सुरक्षा में तैनात जवान गोली चलाना ही नहीं और भी बहुत कुछ जानते हैं. जवान खूबसूरत पेंटिंग बनाने के अलावा रंग बिरंगी रंगोली बनाने के साथ-साथ कई तरह के हुनर भी रखते हैं. कई जवान तो ऐसे भी हैं जो कि कबाड़ के जुगाड़ से कई तरह के खूबसूरत सजावटी सामान भी बना लेते हैं.
खास होती है ट्र्निंग
देश की सुरक्षा में तैनात जवान सरहदों की हर पल हर मौसम में सुरक्षा करते हैं. राष्ट्र भक्ति के साथ इन जवानों को तकनीकी व अवसाद से बाहर निकलने के लिए भी कई गुर सिखाए जाते हैं. फौज में भर्ती होने पर ट्रेनिंग के दौरान टीम वर्क सिखाया जाता है. एक दूसरे से इतना करीबी जुड़ाव हो जाता है कि ये जवान एक दूसरे के बारे में हर छोटी से छोटी बात जानने लगते हैं, ये भी एक ट्रेनिंग का हिस्सा है.
बनाए गए हैं हॉबी क्लब
जोधपुर के बीएसएफ एसटीसी ट्रेनिंग सेंटर में देश की सभी फोर्स के जवान ट्रेनिंग के लिए पहुंचते हैं. फोर्स के जवानों की भर्ती होते ही उनको ट्रेनिंग के लिए भेजा जाता है. ये ट्रेनिंग कठिन होती है, इस ट्रेनिंग में 44 सप्ताह के अंदर हथियार चलाने से लेकर रात अंधेरे में दुश्मन पर हमला करने सहित कई तरह की सिखलाई दी जाती है. इस ट्रेनिंग के साथ जवानों को आर्ट एंड क्राफ्ट से भी जोड़ा जाता है और खास तौर से जवानों के लिए कई तरह के रंगारंग कार्यक्रम के साथ हॉबी क्लब बनाए गए हैं.
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