International Women's Day 2022 Rajasthan Government Schemes: अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस (International Women's Day) पर मंगलवार को कार्यक्रमों का दौर चला. इसमें प्रतिभावान महिला और बच्चियों को सम्मानित भी किया गया. लेकिन एक पहलू ये भी है कि राजस्थान (Rajasthan) सरकार की तरफ से महिलाओं के लिए कई योजनाएं चलाई जा रही हैं जिससे महिला सशक्तिकरण के साथ-साथ उनको नया जीवन भी मिल रहा है. तो चलिए हम आपको इन योजनाओं के बारे में बताते हैं.


मुख्यमंत्री राजश्री योजना
बालिकाओं के प्रति समाज में सकारात्मक सोच विकसित करने और उनके स्वास्थ्य एवं शैक्षणिक स्तर में सुधार करने के लिए 1 जून 2016 को मुख्यमंत्री राजश्री योजना शुरू की गई. मुख्यमंत्री राजश्री योजना में जन्म लेने वाली बालिका के माता-पिता या अभिभावक को 50000 रुपए दिए जाते हैं. इसमें प्रथम किस्त 2500 रुपए चिकित्सालय में प्रसव के बाद, दूसरी किस्त 2500 बालिका के 1 वर्ष के टीकाकरण के बाद, तीसरी किस्त 4000 रुपए बालिका के राजकीय विद्यालय में प्रथम कक्षा में प्रवेश लेने पर, चौथी किस्त 5000 रुपए बालिका के राजकीय विद्यालय में छठी कक्षा में प्रवेश लेने पर, पांचवी किस्त 11000 रुपए बालिका के राजकीय विद्यालय में दसवीं कक्षा में प्रवेश लेने पर, छठी किस्त 25000 रुपए बालिका के राजकीय विद्यालय से 12वीं कक्षा उत्तीर्ण करने पर दी जाएगी.


सामूहिक विवाह नियमन एवं अनुदान योजना
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने वर्ष 2019 के बजट में सामूहिक विवाह नियमन एवं अनुदान योजना की शुरुआत की थी. कहा गया था कि बाल विवाह, दहेज प्रथा या विवाह में होने वाला अनुचित खर्चा सही नहीं है. ये कुरीतियां परिवार पर मानसिक बोझ डालती हैं. इन्हें सभी के सहयोग के बिना नहीं रोका जा सकता, चाहे कितने ही कानून बने या दंड लगाया जाए. विवाह पर होने वाले अनावश्यक खर्च दहेज प्रथा बाल विवाह की रोकथाम के लिए ये योजना लाई गई है. इस योजना में किसी भी पंजीकृत संस्था द्वारा सामूहिक विवाह का आयोजन कराया जा सकता है. विवाह आयोजन कराने वाली संस्था को प्रति जोड़ा 25000 रुपए स्त्री धन के रूप में दुल्हन के खाते में जमा कराई जाती है. इसमें कम से कम 10 व अधिकतम 500 जोड़ों के लिए सामूहिक विवाह आयोजन किया जा सकता है जिसमें सरकार द्वारा अनुदान दिया जाएगा. 


इंदिरा महिला शक्ति निधि योजना 
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने अपनी पहली सरकार की वर्षगांठ पर इंदिरा महिला शक्ति निधि योजना की शुरुआत की थी. इसके तहत सरकार ने प्रतिवर्ष 200 करोड़ रुपए यानी कुल 5 वर्ष के लिए एक हजार करोड़ रुपए का प्रावधान किया है. निधि के माध्यम से महिला सशक्तीकरण के लिए 5 योजनाएं प्रारंभ की गई हैं. 


1- प्रशिक्षण एवं कौशल संवद्धन योजना: इसके तहत 75 हजार महिलाओं एवं बालिकाओं को निशुल्क कंप्यूटर प्रशिक्षण दिया जाएगा.
2- लेखा प्रशिक्षण योजना: इसके तहत 5000 महिलाओं को लेखांकन प्रशिक्षण जैसी गतिविधियां संचालित की जाएंगी.
3 - शिक्षा सेतु योजना: इसके तहत ड्रॉप आउट बालिकाओं और शिक्षा से वंचित रही महिलाओं को राजस्थान स्टेट ओपन स्कूल के माध्यम से पढ़ाई के लिए फीस का पुनर्भरण किया जाएगा. इसका लाभ 50 हजार बालिकाओं और महिलाओं को मिलेगा.
4 - प्रशिक्षण एवं कौशल संवद्धन योजना: इसके तहत 75 हजार महिलाओं एवं बालिकाओं को निशुल्क कंप्यूटर प्रशिक्षण दिया जाएगा. 
5- उद्यम प्रोत्साहन योजना: महिलाओं के स्वयं सहायता समूहों के लिए अब तक की सबसे बड़ी अनुदान योजना है. योजना के तहत व्यक्तिगत महिला उद्यमी अथवा स्वयं सहायता समूह को 50 लाख रुपए तक और समूहों के समूह के रूप में विद्यमान क्लस्टर या फेडरेशन को एक करोड़ रुपए तक की ऋण सुविधा दी जाती है. बड़ी बात ये है कि ऋण राशि का 25 प्रतिशत अनुदान और वंचित वर्ग को 30 प्रतिशत तक का अनुदान दिया जाता है. इसमें उद्योग, सेवा, व्यापार, डेयरी, कृषि आधारित उद्योग आदि समस्त क्षेत्र के लिए ऋण सुविधा है.


सखी: वन स्टॉप सेंटर
हिंसा से पीड़ित महिलाओं और बालिकाओं को एक ही छत के नीचे अस्थायी आश्रय देने के साथ ही पुलिस, विधिक सहायता, चिकित्सा सुविधा, मनोवैज्ञानिक परामर्श एवं काउंसलिंग की सुविधा उपलब्ध करवाने के लिए सखी वन स्टॉप सेंटर खोले गए हैं. जिस प्रकार की समस्या होगी उसी प्रकार के विशेषज्ञ समाधान करेंगे. इसमें एक ही स्थान पर महिला को चिकित्सा सुविधा, परामर्श सुविधा, न्यायिक सहायता, पुलिस सहायता और अस्थाई आश्रय भी दिया जाएगा. यहीं नहीं तुरंत मदद के लिए महिला हेल्प लाइन नंबर 181 की सुविधा भी है. जिसपर कॉल करने पर सहायता दी जाएगी.


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