Rajasthan News: राजस्थान अपनी संस्कृति के लिए दुनियाभर में मशहुर है. इस दौरान कोटा के आसमान में घनघोर अंधेरे के बीच रंग बिरंगी रोशनी देखने को मिली. दरअसल, राजस्थान के कोटा में नेशनल डिफेंस कॉन्क्लेव एवं प्रदर्शनी के समापन समारोह में यह नजारा देखने को मिला. अंधेरा समेटे आसमान को झिलमिलाते-जगमगाते 250 ड्रोन ने सजा दिया. जैसे ही एक साथ इतने सारे ड्रोन हवा में उड़ते नजर आए लोगों खासकर बच्चों ने जोरदार तालियां बजाईं. इसके बाद अलग-अलग दिशाओं में ड्रोन एक के बाद एक विभिन्न प्रकार की आकृतियां बनाते चले गए. 


बनाया गया भारत का नक्शा
ड्रोन्स ने जमीन से ऊपर उठने के बाद सबसे पहले पृथ्वी का नक्शा बनाया. इसके बाद से कभी भारत का नक्शा बनाया तो कभी आसमान में राजस्थान की संस्कृति की झलक दिखाई. राजस्थानी पगड़ी, मूंछ, घूमर करती महिला, ऊंट की आकृतियां, आई लव राजस्थान बनाईं. पधारो म्हारे देश की आकृति देखकर लोगों ने खूब शोर मचाया. ड्रोन शो का समापन अगले माह गांधी नगर में आयोजित होने जा रहे एशिया के सबसे बड़े डिफेंस एक्सपो के आमंत्रण के साथ हुआ. ड्रोन ने सी यू एट डेफ एक्सपो की आकृति बना सबको गांधी नगर पहुंचने का आह्वान किया. ड्रोन शो के दौरान पूरे समय लोग एकटक ऊपर देखते रहे, रात तक शहरवासी ड्रोन की मनभावन आकृतियों को निहारते रहे, मानो ऐसा लग रहा था कि ये क्षण खत्म ही ना हो.


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माय री से बॉलीवुड तक नचाते रहे पलाश
वहीं ड्रोन शो से पहले जैसे ही यूफोरिया बैंड स्टेज पर पहुंचा और डॉ. पलाश सेन ने गाना शुरू किया. वहां मौजूद एक-एक व्यक्ति झूमने लगा. रोक सको तो रोक लो से शुरू करते हुए उन्होंने अपने हिट गानों की झड़ी लगा दी. धूम पिचक धूम, कैसे भूलेगी मेरा नाम, आगे जाने राम क्या होगा, कभी आना तू मेरी गली जैसे गीत जैसे-जैसे गूंजते रहे वहां लोगों का थिरकना बढ़ता गया. राजस्थान की मिट्टी की खुशबू समेटे राजा-राणी जी गीत को भी दर्शकों ने काफी पसंद किया. यूफोरिया बैंड ने बहुत से बॉलीवुड गोनों की पैरोडी भी प्रस्तुत की. पलाश के बैंड के सदस्यों की स्टेज पर मस्ती ने सभी को जोश और उमंग से भर दिया.


लोकसभा स्पीकर ओम बिरला भी रहे मौजूद
कार्यक्रम के दौरान स्पीकर बिरला ने कहा कि ड्रोन शो आईआईटी दिल्ली में पढ़ रहे बच्चों के स्टार्टअप ने तैयार किया है. भविष्य में यह युवा 3500 ड्रोन का शो करने वाले हैं. हमारे देश के आईआईटी में अधिकांशत: कोटा में रहे बच्चे पढ़ रहे हैं. यहां आने वाले प्रत्येक बच्चे में टैलेंट हैं. हमें इस टैलेंट को आगे बढ़ाना है.


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