बालकों की लगातार हो रही तस्करी पर कोटा प्रशासन की नजर बराबर है और एक बार फिर संयुक्त प्रयास से बच्चों की तस्करी कर ले जाए जा रहे बच्चों को कोटा में मुक्त कराया है. जिला बाल संरक्षण इकाई के सहायक निदेशक डॉ. अजीत शर्मा ने बताया कि बचपन बचाओ आंदोलन कोटा द्वारा अजीमाबाद एक्सप्रेस से बिहार से वेरावल ले जा रहे 5 बालकों को बाल तस्करी से मुक्त कराया गया. 


एक व्यक्ति ले जा रहा था पांच बच्चे, संदिग्ध को हिरासत में लिया
बचपन बचाओ आंदोलन के सहायक परियोजना अधिकारी रेखा कुमारी व टीम को अजीमाबाद एक्सप्रेस में आउटरीच के दौरान 5 बालकों को एक व्यक्ति के साथ जाने पर संदेह हुआ जिसकी सूचना बाल कल्याण समिति के अध्यक्ष राजेंद्र राठौर, जीआरपी थाना के सीआई मनोज सोनी, संरक्षण अधिकारी दिनेश शर्मा को दी तथा उनके निर्देशानुसार पांचों बालकों को कोटा रेलवे स्टेशन के प्लेटफार्म नंबर दो पर उतारा गया, साथ ही पांचो नाबालिक बालकों को ले जाने वाले  संदिग्ध व्यक्ति को भी पुलिस ने अपनी  हिरासत में लिया.


 मछली पकड़ने व फिशिंग कंपनी में काम करने  के लिए ले जाया जा रहा था
मौके पर बाल कल्याण समिति के अध्यक्ष राजेंद्र राठौर, बाल संरक्षण अधिकारी दिनेश शर्मा, चाइल्डलाइन नोडल निदेशक यज्ञदत्त हाडा मौके पर पहुंचे तथा बालकों से बातचीत कर उनकी काउंसलिंग की.


बाल कल्याण समिति अध्यक्ष राजेंद्र राठौर ने बताया कि पांचो नाबालिक बालकों से वेरावल में मछली पकड़ने व फिशिंग कंपनी में काम करने के लिए ले जाया जा रहा था तथा एडवांस राशि दो हजार रुपए भी बच्चों के खाते में डाले गए थे. बाल तस्करी करवाने वालों के विरुद्ध किशोर न्याय अधिनियम के अंतर्गत एफआईआर दर्ज की गई. पांचो नाबालिक बालकों को बाल कल्याण समिति के सदस्य बाबूलाल मेहरा के आदेशानुसार उत्कर्ष संस्थान में अस्थाई आश्रय दिया गया


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