Kota News: देवउठनी एकादशी से शुरू हुआ मांगलिक कार्यक्रम, कोटा में हुईं 500 शादियां
कोटा में देवउठनी एकादशी मनाई गई. शुक्रवार को देवउठनी एकादशी के दिन शहर में करीब 500 शादी हुई. इसके साथ ही ग्रामीण क्षेत्रों में 600 के करीब शादी होने का अनुमान लगाया जा रहा है.
Rajasthan News: राजस्थान के कोटा में शुक्रवार को देवउठनी एकादशी मनाई गई. इसके साथ चातुर्मास और श्री हरि विष्णु शयनकाल खत्म हो जाएगा. इसके बाद से शुभ विवाह और सभी मांगलिक कार्यों की शुरुआत हो जाएगी, लेकिन इस बार देवउठनी एकादशी के शुक्र अस्त होने से विवाह आदि शुभ कार्यों में शुक्र उदय होना जरूरी है. शुक्र तारा 30 सितंबर को अस्त हो चुके हैं, जो 24 नवंबर को उदय होंगे. सभी शुभ कार्यों में ग्रह-नक्षत्र और तारों की स्थिति को देखकर ही शादी के मुहूर्त तय किए जाते हैं. इस वजह से विवाह आदि शुभ कार्य 24 नवंबर से शुरू हो रहे हैं.
नवंबर और दिसंबर में शादी के मुहूर्त
नवंबर में 28, 29 को शादी का शुभ मुहूर्त रहेगा. देवउठनी एकादशी के बाद ये दो दिन ही नवंबर में अति शुभ हैं. वैसे तो लग्न पत्रिका के अनुसार ग्रह अनुकूल होने पर विवाह होंगे. वहीं दिसंबर में 2, 4, 7, 8, 9 के सावे रहेंगे. देवउत्थान एकादशी के दिन तुलसी विवाह की भी प्रथा है. इस दिन तुलसी जी का विवाह शालीग्राम से करवाया जाता है. इस विवाह को भी सामान्य विवाह की तरह धूमधाम से किया जाता है. तुलसी भगवान विष्णु की प्रिय हैं और भगवान विष्णु की पूजा में तुलसी को जरूर शामिल किया जाता है. तुलसी के बिना भगवान विष्णु की पूजा पूरी नहीं मानी जाती. माना जाता है कि जिन दंपतियों की कन्या नहीं होती उन्हें अपने जीवन में एक बार तुलसी विवाह करके कन्यादान जरूर करना चाहिए इससे पुण्य की प्राप्ति होती है.
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शहर में हुई 500 के करीब शादियां
शहर में शुक्रवार को शादियों की धूम रही. कई जगह जाम भी लगे. सुबह से ही बैंड बाजों की आवाजे गली मोहल्ले में गूंज रही थी. जिस भी घर में शादी थी वहां नए परिधान, सजावट, शादी की तैयारियां हो रही थी. हर कार्यक्रम के लिए प्लान बनाया जा रहा था. कोविड के लम्बे अंतराल के बाद लोगों के घरों में खुशियां गुलजार हुई हैं. दीपोत्सव के बाद अब शहर में विवाहोत्सव की धूम नजर आ रही है. चार माह के लंबे इंतजार के बाद शुक्रवार को देव प्रबोधिनी एकादशी पर देव जग गए. इसी के साथ बैंड, बाजा और बारात के बीच शहर में शादियों की रंगत बिखरेगी. एक मोटे अनुमान के तौर पर देव प्रबोधिनी यानी देवउठनी एकादशी पर शहर में ही 500 के करीब शादियां होने की संभावना जताई गई थी, जबकि ग्रामीण क्षेत्र में 600 से अधिक शादियां होने की संभावना है.