Kota News: वर्ष 2023 अलविदा होने जा रहा है, कोटा (Kota) को जहां कुछ सौगातें मिली वहीं कई काम जो महत्वपूर्ण थे, जिनकी मांग सालों से की जा रही थी, उन मांगों को पूरा नहीं किया जा सका. कोटा की सबसे महत्वपूर्ण और सबसे पुरानी मांग एयरपोर्ट की है जो कांग्रेस सरकार के पांच साल बीत जाने के बाद भी पूरी नहीं हुई. कांग्रेस सरकार ने कोटा में प्रस्तावित नवीन ग्रीनफील्ड एयरपोर्ट के निर्माण से संबंधित कार्यों के लिए 75.80 करोड़ रुपये के प्रस्ताव को मंजूरी प्रदान की थी. वहीं, माना जा रहा है कि लोकसभा चुनाव से पहले काम शुरू हो सकता है.


नवीन ग्रीन फील्ड एयरपोर्ट क्षेत्र में ईएचवी पावर लाइनों को शिफ्ट करवाने के लिए लगभग 40 करोड़ रुपये के वित्तीय प्रावधान को भी स्वीकृति दी थी, लेकिन उसके बाद यहां कुछ नहीं हुआ और आपसी विवाद में एयरपोर्ट पूरे पांच साल अटका रहा. सरकार ने जाते-जाते राहत तो दी, लेकिन तब तक देर हो चुकी थी.


एयरपोर्ट के लिए 120 करोड़ रुपये की मंजूरी
प्रस्ताव के अनुसार ग्रीनफील्ड एयरपोर्ट के निर्माण से संबंधित कार्यों के लिए कुल 120.80 करोड़ रुपये स्वीकृत किए गए हैं, जिसमें से 45 करोड़ रुपये नगर विकास न्यास कोटा के जरिए जबकि शेष 75.80 करोड़ रुपये राज्य सरकार द्वारा वहन किए जाएंगे. साथ ही एयरपोर्ट क्षेत्र में आ रही ईएचवी पावर लाइनों को शिफ्ट करने का कार्य पावर ग्रिड कॉपोर्रेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड की ओर से किया जाएगा. इस कार्य के लिए लगभग 40 करोड़ रुपये राजस्थान राज्य विद्युत प्रसारण निगम लिमिटेड के आरओई से खर्च किए जाएंगे. अब नई सरकार से फिर एक बार आस जगी है.
 
लोकसभा चुनाव से पहले शुरू हो सकता है कोटा एयरपोर्ट का काम  
वर्ष 2023 में कोटा को नया एयरपोर्ट नहीं मिला लेकिन अब कोटा को पूरी उम्मीद है कि लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला के प्रयास रंग लाएंगे और जल्द ही वर्ष 2024 में खुशखबरी मिलेगी. संभावना यह भी जताई जा रही है कि लोकसभा चुनाव से पहले काम शुरू हो जाएगा. लोकसभा चुनाव में बीजेपी के पास यह बड़ा मुद्दा होगा जिसे भुनाया जा सकता है. 


कोटा कोचिंग हब इसलिए भी एयरपोर्ट जरूरी 
कोटा में प्रतिवर्ष ढाई लाख के करीब बच्चे आते हैं और उनके माता-पिता परिजन यहां आते रहते हैं. देश के कोन-कोने से बच्चे यहां आते हैं. यहां आने के लिए वे सड़क और रेल यातायात का सहारा लेते हैं. एयरपोर्ट बन जाने से उन्हें और सुविधा होगी. कोचिंग के साथ ही डीसीएम, थर्मल, सीएफसीएल, रावतभाटा अणु पावर प्लांट, बूंदी का पर्यटन, मुकुंदरा टाइगर रिजर्व के कारण एयरपोर्ट यहां की जरूरत बन गई है.


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