देश-विदेश से एलुमनाई मीट में शामिल होने कोटा पहुंचे डॉक्टर, नए स्टूडेंट्स को दिया सफलता मंत्र
Alumni Meet 2024 in Kota: कोटा में बड़ी संख्या में डॉक्टरों का जमावड़ा लगा हुआ है. यह डॉक्टर दो दिवसीय एलुमनी मीट में शामिल होने के लिए पहुंचे हैं, जहां उन्होंने अपनी फैमिली के साथ खूब मस्ती की.
Kota News Today: कोटा में दो दिवसीय एलुमनी मीट-2024 समानयन का आयोजन किया जा रहा है. इस एलुमनी मीट में सैकड़ों डॉक्टर्स पहुंच रहे हैं. इस भव्य समारोह का आयोजन आज किया जा रहा है.
सैकड़ों डॉक्टर्स इस एलुमिनी मीट में शामिल होने के लिए विभिन्न माध्यम से परिवार सहित कोटा पहुंचे हैं. कोटा पहुंचने के बाद उनका भव्य स्वागत किया गया.
यह वह डॉक्टर्स हैं जिन्होंने कभी कोटा से पढाई की थी और आज अपनी मेहनत से समाज की खिदमत करते हुए विशेष मकाम हासिल किया है.इस दौरान सभी स्टूडेंट्स ने मंच पर आकर परिचय दिया और अपने परिवारजनों से भी मिलवाया.
कार्यक्रम में गायक मनन बग्गा ने फिल्मी गीतों की प्रस्तुति दी. कोटा में डॉक्टर्स अपने पुराने दिनों को नए स्टूडेंट्स के साथ साझा करेंगे और उन्हें सफलात कि टिप्स देंगे.
देश विदेश के डॉक्टरों की खूब मस्ती
कोटा पहुंचे देश विदेश के डॉक्टरों को ऑक्सीजोन पार्क का भ्रमण करवाया गया. नवनिर्मित सिटी पार्क में हरियाली के बीच सौंदर्य का आनन्द लिया. यहां सेल्फी बूथ पर फोटो खिंचवा कर इन पलों को भविष्य के लिए संजोया.
साथ ही पुराने दोस्तों के साथ ग्रुप में खूब मस्ती भी की. यहां ओपन एम्पी थियेटर में गजल गायक रोशन भारती ने शाम को सुरमई बना दिया. उनकी गजल के भावों और खूबसूरत आवाज पर लोगों ने खूब दाद दी.
'परंपराएं कायम रखे हुए कोटा शहर'
दिल्ली से आए डॉ. देवेन्द्र चौधरी ने बताया कि सबसे अच्छा अहसास कोटा में आकर यह हुआ कि यहां आज भी वही ऊर्जा और सकारात्मकता है. वही टीचर्स दिखे जिन्होंने हमें पढ़ाया था.
कोटा शहर अपनी परंपराएं बरकरार रखे हुए है. आज भी स्टूडेंट्स उन्हीं संस्कारों के साथ पढ़ाई कर रहे हैं. यह बहुत ही बेहतर अनुभव है जो जिंदगीभर याद रहेगा.
'कोटा शहर का हमारे जीवन में बड़ा योगदान'
बाड़मेर गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज में असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ पंकज अग्रवाल और डॉ लता अग्रवाल ने बताया कि कोटा शहर का हमारे जीवन में बड़ा योगदान है. उन्होंने कहा कि अगर कोटा जैसा माहौल नहीं होता तो शायद सफलता संभव नहीं थी.
फैकल्टीज ने हम पर दिनरात मेहनत की. हमारी समस्याओं के समाधान के लिए हमेशा तत्पर रहते थे, आज भी वही डेडिकेशन कोटा की फैकल्टीज में देखने को मिलती है.
विक्रांत पांडे ने सुनाई आईएएस बनने की दास्तान
आईएएस डॉ.विक्रांत पांडे ने बताया कि कोटा आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करता है. मैं एक छोटे से कस्बे भवानीमंडी से हूं. कोटा से संघर्ष करना सीखा इसलिए मेडिकल के बाद सिविल सर्विस एग्जाम में टॉप किया.
विक्रांत पांडे ने बताया कि उन्होंने कोटा में आकर 1996 बैच में तैयारी. अपने लक्ष्य के लिए कड़ी मेहनत की और आरपीएमटी में सेलेक्ट हुआ. कोटा में मेहनत की जाती है.
जिस तरह से फैकल्टीज हमें पढ़ाते थे, सब्जेक्ट बहुत आसान लगते थे. आज भी पढ़ाई इतनी ही बेहतर है. कोटा आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करता है.
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