Bal Vivah News: राजस्थान (Rajasthan) के कोटा (Kota) और बूंदी (Bundi) जिलों में अधिकारियों ने शनिवार को अक्षय तृतीया (Akshaya Tritiya) के अवसर पर दो लड़कियों का बाल विवाह (Chind Marriage) होने से रोका. अधिकारियों ने यह जानकारी दी. अक्षय तृतीया (अक्खा तीज) को शुभ मुहुर्त माना जाता है.
इस दिन बड़ी संख्या में लड़के-लड़कियों का विवाह होता है. खासतौर से हदोती क्षेत्र में इस प्रथा का चलन है. तहसीलदार महेश चंद्र शर्मा ने बताया कि बूंदी जिले में सुवादिया ग्राम पंचायत के सुथली गांव में 17 साल की लड़की के विवाह की सूचना मिली. सूचचा पाकर अधिकारी सुथली गांव में पहुंचे और उस 17 साल की लड़की की शादी रुकवाई.
एक दुल्हन नाबालिग मिली
उन्होंने बताया कि प्रशासन की ओर से एक पटवारी और एक कांस्टेबल को लड़की के घर पर तैनात किया गया है, ताकि उसके माता-पिता बालिग होने से पहले एक बार फिर उसकी शादी कराने की कोशिश न कर सकें. इतना ही नहीं किशोरी के माता-पिता पर उसके 18 साल के होने तक उससे संपर्क करने पर भी रोक लगा दी गई है. तहसीलदार ने बताया कि प्रशासन को जनवरी से लेकर अब तक इलाके में तीन बाल विवाह होने की सूचना मिली थी, लेकिन सत्यापन में सिर्फ एक दुल्हन नाबालिग मिली.
17 साल की लड़की का विवाह रुकवाया
वहीं, कोटा जिले के कैथुन इलाके में भी बाल अधिकार और बाल कल्याण समिति ने 17 साल की एक अन्य लड़की का विवाह रुकवाया. बाल अधिकार विभाग के सहायक निदेशक डॉ. अजीत शर्मा ने बताया कि टीम शुक्रवार को विवाह से पहले होने वाली रस्मों के दौरान ही मौके पर पहुंच गई थी. उन्होंने बताया कि कोटा में प्रशासन ने इस साल अभी तक सात लड़कियों के बाल विवाह रुकवाएं हैं.