Rajasthan News: कोटा शहर में स्थित स्मृति वन में असामाजिक तत्वों द्वारा करीब 500 पेड़-पौधों में रात को आग लगा दी गई. आग का पता सुबह लोगों को चला तो भीड़ जमा हो गई. जो लोग इनकी हिफाजत करते थे, उनके आक्रोश का बढ़ गया. यहां करीब 250 से 300 पेड़ जल गए हैं.


20 लाख रुपए खर्च कर चुके हैं स्वयंसेवी संगठन
कोटा शहर के अनंतपुरा क्षेत्र में अथक प्रयास के बाद बनाए गए स्मृति वन को बचाने के लिए अब शहर की कई और संस्थाओं का सहयोग लेकर उसे बचाने का प्रयास शुरू कर दिया गया है. गायत्री परिवार के मुख्य ट्रस्टी जीडी पटेल ने बताया कि स्मृति वन में आग लगाए जाने की घटना बेहद ही चिंता जनक और निंदनीय है. सालों के प्रयास के बाद इस भूमि को हरा किया गया है. गायत्री परिवार और युवा टीम दीया के संयुक्त प्रयासों से अनंतपुरा श्रीराम शर्मा आचार्य स्मृति वन में पिछले 4 वर्षों से अथक पुरुषार्थ करके 3 हजार से अधिक पौधे लगाए गए. जो आज वृक्ष बन गए हैं.


वर्तमान में पेड़ो की ऊंचाई 12 से 15 फीट है. इसके लिए गायत्री परिवार कोटा ने सिर्फ अपने लाखों रुपये के खर्चे और प्रयासों से यह महत्वपूर्ण कार्य किया जिसको 40 कार्यकर्ताओं की टीम ने नियमित श्रमदान करके विकसित किया. अनुमानित चार साल में यहां 20 लाख रुप विभिन्न रूपों में खर्च किए गए हैं, जिसमें सभी पैसा स्वयंसेवी संगठनों का है.


बंजर और पथरीली थी जमीन
गायत्री परिवार कोटा के मुख्य ट्रस्टी जी डी पटेल ने बताया कि बजंर और पथरीली भूमि पर जेसीबी मशीन से गड्ढे करवाकर और मिट्टी खाद की व्यवस्था कर 3 हजार से अधिक वृक्षों को विकसित करने के लिए कोटा से टैंकरों द्वारा पानी की व्यवस्था की गई. साथ ही वहां बोरिंग लगाया गया. वर्तमान में यह वृक्ष प्रकृति का सौंदर्य बनकर पर्यावरण को स्वच्छ बना रहे हैं और क्षेत्र को प्राणवायु दे रहे हैं.


दीया टीम के ललित सोनी ने बताया कि असामाजिक तत्वों ने पेड़ों में आग लगा दी. जिससे 300 से अधिक पेड़ जल गए, ऐसा लगता है कि असामाजिक तत्व स्मृति वन को नष्ट कर उन पर कब्जा करना चाहते हैं. पूर्व में भी इन असामाजिक तत्वों द्वारा दो तीन बार कई वृक्षों को तोड़कर नुक्सान पहुंचाया गया था, साथ ही पूर्व में चौकीदार के साथ मारपीट की गई थी.


'हो मामले की जांच'
आर्य उप प्रतिनिधि सभा के संभागीय प्रधान अर्जुन देव चड्डा ने कहा कि गायत्री परिवार के साथ मिलकर कई संगठन कोटा जिला प्रशासन, वन विभाग और पुलिस प्रशासन से मांग करेंगे कि स्मृति वन को जलाने की घटना की जांच की जाए. उनकी सुरक्षा के लिए प्रतिदिन नियमित रात्रि गस्त की व्यवस्था की जाए. चड्डा ने कहा कि इन पौधों को बच्चों की तरह पाला गया है, एक पौधे को वृक्ष बनाने में कई लोगों का पसीना बहा है. ऐसे में प्रशासन को भी पर्यावरण संरक्षण के लिए पहल कर स्मृति वन की सुरक्षा पर गंभीरता से प्रयास करना चाहिए. शहर की जनता से भी अपील की जाएगी कि कोटा में पर्यावरण संरक्षण को लेकर जिस गति से वह सराहनीय है. स्मृति वन भी कोटा का एक ऑसीजोन है.


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