Kota News: मानसिक विमंदित, बेसहारा, लाचार और घर से प्रताड़ित लोगों के लिए आसरा अपनाघर में रहने वाले प्रभु जी की सुविधाओं में बढ़ोतरी हो गई. यहां स्थापना दिवस के अवसर पर करीब 45 लाख रुपए से अधिक राशि से हुए निर्माण कार्यों का लोकार्पण किया गया. इस कार्यक्रम के बाद अब जल्द ही यहां रहने वाले प्रभु जनों (विमंदित) को और बेहतर सुविधाएं मिलना शुरू हो गई. अब कोटा का अपना घर देश का तीसरा सबसे बड़ा अपना घर (विमंदित गृह) हो जाएगा. यहां अब 300 प्रभुजी के रहने की व्यवस्था की गई है, जिसमें इन्हें सभी सुविधाएं यहां दी जाती हैं. यहां तक की चिकित्सकों की व्यवस्था भी इन्हें यहीं उपलब्ध कराई जाती है.


पुलिस महानिरीक्षक रहे मौजूद
कार्यक्रम में पुलिस महानिरीक्षक कोटा संभाग प्रसन्न कुमार खमेसरा भी उपस्थित रहे. इसके साथ ही विशेष न्यायालय (भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम) के विशिष्ट न्यायाधीश योगेश शर्मा, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव प्रवीण कुमार वर्मा, मां माधुरी बृज वारिस सेवा संस्थान के राष्ट्रीय सचिव चन्द्रशेखर गुप्ता मौजूद रहे. यहां रहने वाले प्रभुजनों को दुपट्टा पहनाकर स्वागत करते हुए कमरों में प्रवेश करवाया गया. आईजी प्रसन्न कुमार खमेसरा ने कहा कि अपनाघर आश्रम में सच्चे अर्थों में सेवा हो रही है. यहां पीड़ित मानवता की सबसे बड़ी सेवा की जा रही है, यही कारण है कि सारे कार्य अपने आप होते चलते जाते हैं.


यहां बोर्ड पर प्रभु जी को चिट्ठी लिख दी जाती है और वो मांग पूरी भी हो जाती है. ये विश्वास सेवा की ईमानदारी से ही आ सकता है. योगेश शर्मा ने कहा कि यहां सेवा के साथ संस्कार भी हैं. परिवार के साथ लोग यहां आते हैं और सेवा करके चले जाते हैं. जो यहां आता है वो कुछ न कुछ पाकर जाता है.
 
प्रभु जी के लिए बने 12 नए कमरे
शहर के पॉलीटेक्निक कॉलेज के पीछे संचालित अपनाघर आश्रम में जनसहयोग से 15 लाख रुपए की लागत से 12 कमरों का निर्माण करवाया गया. प्रत्येक कमरे में 7 बेड होंगे. इसके अलावा ग्राउंड फ्लोर पर छज्जे और गैलेरी और प्रथम तल पर छज्जे और गैलेरी में रैलिंग लगाई गई है. दो स्नानागार का निर्माण करवाया गया है और बड़ा डाइनिंग हॉल तैयार किया गया.
 
300 प्रभुजन तक हो जाएगी क्षमता
अपनाघर के संरक्षक राजेश शर्मा और अध्यक्ष नरेन्द्र कुमार सेंगर ने कहा कि वर्तमान में 223 प्रभुजन यहां रह रहे हैं. इसमें 155 महिलाएं और 68 पुरुष हैं. पुरुषों के लिए स्थान कम था, इसलिए मजबूरन हमें प्रभुजन को कहीं और भेजना पड़ता था. भरतपुर और दिल्ली तक की सेवाएं लेते थे लेकिन अब सुविधाएं बढ़ने के बाद और अधिक पुरुष प्रभुजनों को स्थान मिल सकेगा. यहां 12 कमरों का लोकार्पण हुआ है. हर कमरे में 7 पलंग लगाए जाएंगे. ऐसे में 84 पुरुष प्रभुजनों को और अधिक स्थान मिल सकेगा. इस निर्माण के साथ ही कोटा भरतपुर और दिल्ली के बाद देश का तीसरा बड़ा अपनाघर आश्रम हो जाएगा. जहां आने वाले समय में 300 से अधिक प्रभुजन रह सकेंगे.
 
प्रभुजनों ने दी प्रस्तुतियां
कार्यक्रम में संबोधन के साथ ही प्रभुजनों की प्रस्तुतियों ने मन मोहा. प्रार्थना, भक्ति गीत और संगीत पर प्रभुजनों की प्रस्तुतियों पर सभी अतिथियों ने खूब तालियां बजाई और उनका उत्साहवर्धन किया. इसके साथ ही सुंदरकांड में भी प्रभुजन बैठे और भक्ति पाठ का आनंद लिया. 


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