Rajasthan News: लाल बत्ती का अपना ही रौब हुआ करता था. वीआईपी, मंत्री, प्रशासनिक अधिकारी सहित आयोग के अध्यक्ष को लाल बत्ती लगाए जाने का अधिकार था. मोदी सरकार ने गाड़ी पर लाल बत्ती लगाना 1 मई 2017 को नोटिफिकेशन जारी कर बैन कर दिया. अब सिर्फ एंबुलेंस और फायर ब्रिगेड जैसी आपातकालीन सेवाओं की गाड़ियों पर बत्ती लगाने की इजाजत है. लेकिन कोटा में एक छात्रसंघ अध्यक्ष गाड़ी पर लाल बत्ती लगाकर कॉलेज पहुंच गया. लाल बत्ती लगी गाड़ी पर सबकी नजर टिक गई. कोटा गवर्नमेंट आर्ट्स कॉलेज के अध्यक्ष का चुनाव जीते मनीष सामरिया थे. लाल बत्ती कॉलेज में कौतुहल का विषय बन गई. आखिर मनीष को लाल बत्ती लगाने की क्या वजह पड़ गई?


नव निर्वाचित छात्रसंघ अध्यक्ष पर लाल बत्ती का चढ़ा नशा 


छात्रसंघ अध्यक्ष चुनाव जीतने के बाद आज पहली बार मनीष कॉलेज गए थे. लाल बत्ती लगाने का कारण पूछने पर कहा कि नेताओं को जनता चुनती है. बड़े-बड़े नेता लाल बत्ती लगाकर घूम सकते हैं तो मैं क्यों नहीं. मुझे भी छात्रों ने चुना है. मनीष सामरिया ने कहा- छात्रों ने चुना है, मैं लाल बत्ती क्यों नहीं लगा सकता. छात्रसंघ अध्यक्षों को भी लाल बत्ती लगाने का अधिकार मिलना चाहिए. लाल बत्ती लगाना कानून के खिलाफ है तो हटा देंगे. मैंने खबरों में आने के लिए गाड़ी पर लाल बत्ती नहीं लगाई है. कॉलेज का छात्रसंघ अध्यक्ष बना हूं. इस कॉलेज के छात्रों की इच्छा थी कि मैं लाल बत्ती लगी गाड़ी में आऊं. छात्रों की इच्छा पूरी करने के लिए लाल बत्ती की गाड़ी में आया हूं. मनीष के कॉलेज आने पर छात्रों ने जोरदार स्वागत किया. 
 
एडवोकेट अख्तर खान अकेला ने बताया कि मोटर व्हीकल एक्ट के तहत चुनिंदा लोगों को छोड़कर किसी को भी लाल बत्ती यूज करने का अधिकार नहीं है. लाल बत्ती लगाकर खुद को वीआईपी जैसा दिखाने पर कोर्ट ने रोक लगा दी थी. उसके बाद सरकार ने भी कानून बनाकर अवैध घोषित किया था. इसे कोई यूज नहीं कर सकता. एंबुलेंस की बत्ती नीले और ऑरेंज कलर की है. कार्यपालक मजिस्ट्रेट को टूर पर जाने के दौरान एंबुलेंस जैसी बत्ती लगाने की छूट है. पुलिस वाले भी सरकारी काम पर निकलने को जाहिर करने के लिए लगा सकते हैं.


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गाड़ी का रजिस्ट्रेशन, ड्राइविंग लाइसेंस हो सकता कैंसिल  


एडवोकेट अख्तर खान के मुताबिक लाल बत्ती यूज करने पर 1 हजार रुपए का जुमार्ना और 3 महीने की सजा का प्रावधान है. खुद को वीआईपी की तरह प्रदर्शन करने की कोशिश करने पर गाड़ी मालिक और ड्राइवर के खिलाफ कार्रवाई संभव है. गाड़ी का रजिस्ट्रेशन और ड्राइविंग लाइसेंस कैंसिल हो सकता है. मामले में कॉलेज प्रशासन ने कहा कि अगर ऐसा है तो गलत है, हमें जानकारी नहीं मिली. 


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