Kota Assistant Engineer Bribery Case: राजस्थान में भ्रष्टाचार के खिलाफ एसीबी की कार्रवाई निरंतर जारी है. गांव गांव एसीबी (ACB) का संवाद कार्यक्रम जारी हैं, जिसमें लोगों को भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने के लिए बताया जा रहा है. शुक्रवार (18 अगस्त) को भी कोटा एसीबी ने नगर निगम के सहायक अभियंता को धर दबोचा. एसीबी के अधिकारी उसके मकान सहित अन्य ठिकानों पर छापेमारी कर रहे हैं.
भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो ने कोटा नगर निगम उत्तर के सहायक अभियंता (निर्माण) रामहंस मीणा को 1.50 लाख रुपए की रिश्वत लेते हुए, रंगे हाथों गिरफ्तार करने में सफलता हासिल की. आरोपी के आवास और अन्य ठिकानों पर रात तक एसीबी की टीम ने तलाशी अभियान चलाया. भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो के अतिरिक्त महानिदेशक हेमन्त प्रियदर्शी (अतिरिक्त चार्ज महानिदेशक) ने बताया कि, 'एसीबी की कोटा इकाई को परिवादी द्वारा शिकायत दी गई कि उसकी फर्म द्वारा करवाए गए कार्यों के बकाया बिल 12 लाख 98 हजार रुपए के भुगतान की एवज में रामहंस मीणा सहायक अभियंता के द्वारा 4 लाख रुपये रिश्वत मांगा जा रहा है.'
रिश्वत में चार लाख मांग रहा था अभियंता
आरोपी अभियंता रामहंस मीणा वर्तमान में कोटा (उत्तर) नगर निगम के निर्माण विभाग में तैनात है. एसीबी महानिदेशक हेमन्त प्रियदर्शी के मुताबिक परिवादी रिश्वत नहीं देना चाहता था, जिस पर उसने एसीबी में शिकायत दर्ज करवाई. उन्होंने कहा कि, शिकायत सही पाये जाने पर तुरंत कार्रवाई को अंजाम दिया गया.' अभियंता परिवादी से 4 लाख रुपये रिश्वत के रुप में मांग रहा था, बाद में डेढ़ लाख रुपये पर राजी हो गया. इस शिकायत के बाद एसीबी कोटा के उप महानिरीक्षक पुलिस कल्याण मल मीणा के सुपरविजन में, एसीबी कोटा शहर इकाई के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक विजय स्वर्णकार के नेतृत्व में शिकायत का सत्यापन किया. जांच के बाद शिकायत सही पाई गई.
ट्रेप कार्रवाई कर एसीबी ने रंगे हाथों पकड़ा
मामले में आरोपी को रंगे हाथों गिरफ्तार करने के लिए पुलिस निरीक्षक ताराचंद और उनकी टीम द्वारा ट्रेप कार्रवाई की गई, इस कार्रवाई में एसीबी की टीम ने आऱोपी अभियंता रामहंस मीणा पुत्र बृजमोहन मीणा निवासी ग्राम पहाड़ी, पुलिस थाना बालघाट तहसील टोडाभीम, जिला करौली को गिरफ्तार कर लिया. आरोपी अभियंता को एसीबी ने रंगे हाथों 1 लाख 50 हजार रुपये की रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया है. एसीबी की टीम आरोपी से पूछताछ लगातार पूछताछ कर रही है. एसीबी द्वारा मामले में भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के अन्तर्गत प्रकरण दर्ज कर अग्रिम अनुसंधान किया जा रहा है.