Kota Students Death: लाखों लोगों का भविष्य बना चुकी शिक्षा की काशी कहे जाने वाले कोटा (Kota) में इन दिनों बच्चों के साथ परिजन और कोचिंग संस्थानों पर भी प्रेशर बढ़ गया है. एक के बाद एक कोचिंग स्टूडेंट्स (Coaching Students) की आत्महत्या से सभी लोग आहत हैं. कोटा में अमूमन साल में 10-14 कोचिंग स्टूडेंट्स की मौत की खबरें आती थीं. लेकिन इस साल के पहले पांच महीने में 9 छात्र-छात्राओं ने खुदकुशी कर ली है. वहीं, दो छात्रों ने खुदकुशी की कोशिश की जिन्हें समय रहते बचा लिया गया. एबीपी ने इसकी तह तक जाने का प्रयास किया तो यह जानकारी सामने आई कि बच्चों पर माता पिता का प्रेशन, पढ़ाई का प्रेशर और प्यार में असफलता मौत का कारण बन रहे हैं. कुछ बच्चों के बैग से लव-लेटर पाए गए हैं.


कोटा में लाखों लोग कोचिंग के रोजगार से जुड़े हुए हैं. इसमें प्रमुख रूप से हॉस्टल, मैस, बुक स्टोर, रेस्टोरेंट और होटल हैं जहां हजारों की संख्या में लोग काम करते हैं. कोटा में कोचिंग स्टूडेंट्स को हर तरह सुविधा दी जा रही है. बच्चों के लिए हेल्पलाइन जारी किया गया है. उनके लिए काउंसलिंग की सुविधा भी है. इसके अलावा मोटिवेशनल सेमिनार आयोजित किए जाते हैं और उनमें बच्चों को बुलाया जाता है. लेकिन इनका असर होता नहीं दिख रहा.


माता पिता की ओऱ से मिल रहा दबाव
यह दबाव कई तरह का है जो बच्चे फेस करते हैं. एक्सपर्ट बताते हैं क देशभर का होनहार बच्चा कोटा में आता है और उन्हीं के बीच अन्य बच्चे भी रहते हैं. जब एक दूसरे से कम्पीटिशन होता है तो दबाव होना स्वभाविक है. लेकिन इस दबाव को कम करने का प्रयास किया जाता है. माता-पिता बच्चों को बार-बार फोन कर हाल चाल पूछने के बहाने बार-बार पढ़ाई पर जोर देते हैं. जब बच्चा दूसरे शहर से कोटा में आता है तो उसे कई ऐसी चीजें दिखती हैं जो भटकाव लाता है. मनोचिकित्सक बताते हैं. 


विशेषज्ञ की सलाह, बच्चों की कराई जाए काउंसलिंग
मेडिकल कॉलेज कोटा के वरिष्ठ मनोचिकित्सक डॉ. राजमल मीणा का कहना है कि बच्चों में तनाव तो है, और पढ़ाई हार्ड है तो तनाव तो हमेशा ही रहेगा. लेकिन इसे कम किया जा सकता है, जो बच्चा कम स्कोर कर रहा है उनकी अलग से काउंसलिंग होनी चाहिए और जिन्हें आवश्यकता हो उनका उपचार भी किया जाना चाहिए. 


5 महीने में 9 सुसाइड की घटनाएं
कोटा में पिछले कुछ महीनों में सुसाइड की घटनाएं बढ़ती जा रही है. यहां नीट और दूसरे कॉम्पिटिशन की तैयारी करने आने वाले स्टूडेंट लगातार अपनी जान दे रहे हैं. 


14 जनवरी: यूपी निवासी अली राजा ने सुसाइड किया. कोटा में कोचिंग कर रहा था. जो पिछले 1 महीने से कोचिंग नहीं जा रहा था.
15 जनवरी: उत्तर प्रदेश के प्रयागराज के रहने वाले रणजीत (22) ने फंदा लगाकर सुसाइड कर लिया था. 
19 जनवरी:जवाहर नगर थाना क्षेत्र में एक स्टूडेंट ने सुसाइड की कोशिश की है. स्टूडेंट ने खुद पर ज्वलनशील पदार्थ डालकर आग लगा ली. समय रहते स्थानीय लोगों ने उसे बचाया और हॉस्पिटल पहुंचाया.
29 जनवरी: विज्ञान नगर इलाके में कोचिंग स्टूडेंट ने सुसाइड की कोशिश की. स्टूडेंट हॉस्टल की चौथी मंजिल की बालकनी से नीचे कूद गया था. गंभीर हालत में उसे प्राइवेट हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया. 
8 फरवरी: कुन्हाड़ी थाना क्षेत्र के लेडमार्क सिटी इलाके में एक छात्रा ने मल्टीस्टोरी बिल्डिंग के 10वें माले से कूदकर सुसाइड कर लिया. छात्रा कृष्णा (17) बाड़मेर की रहने वाली थी.
24 फरवरी: यूपी के बदायूं का रहने वाले अभिषेक ने फांसी का फंदा लगाकर खुदकुशी कर ली थी. वह दो साल से कोटा में रह रहा था. 
26 अप्रैल: जवाहर नगर थाना क्षेत्र में नीट की तैयारी कर रही एक स्टूडेंट ने सुसाइड कर लिया था. उसने हॉस्टल के रूम में फांसी लगाई. वह मानसिक रूप से तनाव में थी. 
9 मई: विज्ञान नगर थाना क्षेत्र में 10वें माले से कूदकर एक स्टूडेंट ने सुसाइड कर लिया. स्टूडेंट नासिर (22) बेंगलुरु का निवासी था. 
27 मई : कुन्हाडी थाना क्षेत्र में अपने अंकल के यहां रह रही टोंक निवासी साक्षी ने चुन्नी से फंदा लगाकर आत्महत्या कर ली, वह कोटा में रहकर नीट की तैयारी कर रही थी. 


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