Kota News: कोटा के विकास को और भी अधिक पंख लगने वाले हैं. कोटा यूआईटी के बाद अब विकास प्राधिकरण कहलाएगा. इसके बजट घोषणा के बाद अब इसे अमलीजामा पहनाया जाएगा. राज्य सरकार की ओर से बजट 2022-23 में कोटा नगर विकास न्यास (UIT) को विकास प्राधिकरण बनाने की घोषणा की गई थी. इसके संदर्भ में हाल ही में नगरीय विकास और स्वायत्त शासन मंत्री शांति धारीवाल (Shanti Dhariwal) ने विधानसभा में प्रस्ताव रखा.


इसको सर्व सम्मति से पारित कर दिया गया. अब जल्द ही कोटा डेवलोपमेंट अथॉरिटी (KDA) की अधिसूचना जारी हो जाएगी. अधिसूचना जारी होते ही केडीए का अस्तित्व कोटा में शुरू हो जाएगा. केडीए में शामिल होने वाले गांवों के प्रस्ताव मांग गए थे.


न्यास ने ट्रस्ट बैठक आयोजित कर गत 16 मार्च को केडीए के गठन के लिए शामिल होने वाले गांवों के प्रस्ताव राज्य सरकार को भेज दिए हैं. न्यास ने केडीए के दायरे में 289 राजस्व गांवों को शामिल किया है. कोटा विकास प्राधिकरण का गठन होने के बाद केडीए के दायरे में सम्पूर्ण लाडपुरा तहसील के 212 राजस्व गांवों को शामिल किया गया है.


कैथून नगर पालिका के चार गांव शामिल


इसमें कैथून नगर पालिका के चार गांव को भी शामिल है. इसके साथ ही इसमें दीगोद तहसील के 14 गांवों को शामिल किया गया है. वहीं बूंदी जिले के 62 गांवों को शामिल किया गया है. इसमें तालेड़ा तहसील के 47 गांव, केशवरायपाटन पालिका क्षेत्र के आठ गांव और तहसील क्षेत्र के सात ग्रामीण गांव शामिल भी हैं.  केडीए का गठन होने के बाद इसका दायरा बारां रोड पर सिमलिया तक और दीगोद-सुल्तानपुर रोड पर दीगोद से पहले तक रहेगा.


इसी तरह से बूंदी रोड पर तालेड़ा तक, डाबी रोड पर धनेश्वर गांव तक, झालावाड़ रोड पर मंडाना के आगे कनवास तहसील की सीमा तक, रावतभाटा रोड पर रावतभाटा और रामगंजमंडी तहसील तक के गांवों को भी इसमें शामिल किया गया है. 


केडीए को मिलेंगी वित्तीय शक्तियां
वहीं केशवरायपाटन के राजस्व गांवों को भी शामिल किया गया है. कोटा में विकास प्राधिकरण का गठन होने के साथ इसमें यहां का विकास कराने के लिए कई वित्तीय शक्तियां निहित हो जाएंगी, जिससे विकास कार्यों की फाइलें और अन्य फाइलों के लिए कोटा की जनता को राज्य सरकार के अनुमोदन का इंतजार नहीं करना पड़ेगा. साथ ही जयपुर के चक्कर भी नहीं लगाने पड़ेंगे.


बता दें वर्तमान में 10 करोड़ से अधिक के विकास कार्यों की फाइलों के टेंडर अनुमोदन के लिए राज्य सरकार को भेजे जाते हैं. केडीए के गठन होने के बाद ये फाइलें कोटा में ही अनुमोदित हो सकेंगी. 


कोटा में विकास प्राधिकरण का गठन होने के साथ इसमें यहां का विकास कराने के लिए कई वित्तीय शक्तियां निहित हो जाएंगी, जिससे विकास कार्यों की फाइलें और अन्य फाइलों के लिए कोटा की जनता को राज्य सरकार के अनुमोदन होने का इंतजार नहीं करना पड़ेगा. साथ ही जयपुर के चक्कर भी नहीं लगाने पड़ेंगे. बता दें वर्तमान में विकास कार्यों की फाइलों के साथ 10 करोड़ से अधिक के विकास कार्यों की फाइलों के टेंडर अनुमोदन के लिए राज्य सरकार को भेजी जाती हैं. केडीए के गठन होने के बाद ये फाइलें कोटा में ही अनुमोदित हो सकेंगी. 


केडीए का गठन होने के बाद केडीए में 70 तरह के पद होंगे
1. कोटा विकास प्राधिकरण का पदेन अध्यक्ष और यूडीएच मंत्री
2. कोटा विकास आयुक्त 
3. सचिव


निदेशक 11 होंगे जो इस प्रकार होंगे.
1. निदेशक अभियांत्रिकी प्रथम/द्वित्तीय- अतिरिक्त मुख्य अभियंता,
2. अधीक्षण अभियंता, अधिशाषी अभियंता, सहायक अभियंता, कनिष्ठ अभियंता
3. निदेशक वित्त 
4. निदेशक विधि 
5. निदेशक आयोजना 
6. उपमहानिरीक्षक (परिवर्तन)-
7. वन संरक्षक अतिरिक्त आयुक्त- कोटा उत्तर, दक्षिण, लाडपुरा, रामगंजमंडी
8.  अतिरिक्त आयुक्त (प्रशासन)
9.  संयुक्त रजिस्ट्रार (सहकारिता)
10. संयुक्त आयुक्त (सिस्टम मैनेजमेंट)
11. (संयुक्त आयुक्त (संसाधन, विकास और समनव्यक)


विभिन्न तरह की कमेटियां मौजूद रहेगी
यही नहीं पांच तरह की कमेटियां होगी. इन कमेटियों के गठन होने से छोटे-छोटे मामलों की अनुमति के लिए राज्य सरकार के पास फाइल नहीं जाएंगी. ये कमेटियां इस प्रकार की होंगी. अथॉरिटी एक्जूकेटिव कमेटी, ट्रैफिक कंट्रोल बोर्ड, लैंड एंड प्रोपर्टी कमेटी, बिल्डिंग प्लान कमेटी और प्रोजेक्ट वर्क कमेटी.


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