Rajasthan News: कोटा-बूंदी (Kota-Bundi) के दोनों टाइगर रिजर्व को जल्द बड़ी सौगात मिलेगी. मुकुंदरा हिल्स टाइगर रिजर्व (Mukundara Hills Tiger Reserve) और रामगढ़ विषधारी टाइगर रिजर्व (Ramgarh Vishdhari Tiger Reserve) में जल्द एक-एक बाघिन छोड़ी जाएगी. इसके अलावा दोनों टाइगर रिजर्व के विकास के लिए केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्रालय 8 करोड़ रूपए भी जारी करेगा. लोकसभा स्पीकर ओम बिरला (Lok Sabha Speaker Om Birla) और केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव (Union Forest and Environment Minister Bhupendra Yadav) की उपस्थिति में गुरुवार को मुकुंदरा हिल्स और रामगढ़ विषधारी टाइगर रिजर्व को लेकर चर्चा हुई. 


स्पीकर बिरला ने तत्काल दोनों टाइगर रिजर्व में बाघिन तथा अन्य वन्यजीवों को छोड़े जाने की आवश्यकता पर बल दिया. चर्चा के बाद तय हुआ कि दोनों टाइगर रिजर्व में एक-एक बाघिन और अन्य वन्यजीव छोड़े जाएंगे. इसके अलावा केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्रालय दोनों टाइगर रिजर्व में विकास कार्यों के लिए 8 करोड़ रूपए देगा. इस राशि का उपयोग टाइगर रिजर्व क्षेत्र में वॉटर पाइंट, सुरक्षा संबंधी उपायों और अन्य आवश्यक विकास कार्यों के लिए किया जाएगा.


गौर की सबसे ज्यादा आबादी भारत में
मुकुंदरा और रामगढ़ में जिन अन्य वन्यजीवों को छोड़ने पर सहमति बनी उनमें गौर और वाइल्ड डॉग्स शामिल हैं. राजस्थान में संभवत: पहली बार गौर को लाया जा रहा है. गौर दक्षिण एशिया और दक्षिण पूर्व एशिया में पाया जाने वाला एक बड़ा, काले लोम से ढका गोजातीय पशु है. आज इसकी सबसे बड़ी आबादी भारत में पाई जाती हैं और गौर जंगली मवेशियों में से सबसे बड़ा होता है.
 
चम्बल में रिवर क्रूज की भी मिलेगी स्वीकृति
चम्बल नदी में रिवर क्रूज को लेकर भी बैठक में चर्चा की गई. चंबल नदी में राष्ट्रीय घड़ियाल अभ्यारण्य होने के कारण उसमें रिवर क्रूज के संचालन के लिए केंद्रीय स्तर से स्वीकृति की आवश्यकता है. बैठक में तय किया गया कि आरटीडीसी या अन्य किसी एजेंसी से इस संबंध में प्रस्ताव आने पर उसे स्वीकृति प्रदान कर दी जाएगी. इस स्वीकृति के जारी होने के बाद चम्बल नदी में कोटा बैराज से जवाहर सागर तक रिवर क्रूज प्रारंभ होने की संभावना बढ़ जाएगी. बैठक में केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्रालय में महानिदेशक वन सीपी गोयल भी उपस्थित रहे.


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