Rajasthan Child Marriage News: कोटा में बाल आधिकारिता विभाग ने चार बच्चों के बाल विवाह को रुकवा दिया है. अधिकारियों ने संयुक्त कार्रवाई को अंजाम देते हुए मौके पर जाकर दस्तावेजों की जांच की तो बच्चे नाबालिग निकले, जिसके बाद इस गैरकानूनी शादी को रुकवा दिया गया. अधिकारियों ने जिन जगहों पर बाल विवाह रुकवाया वहां शादी समारोह की तैयारियां चल रही थीं. शादी में शामिल होने के लिए मेहमान भी उनके घरों पर पहुंच चुके थे. हालांकि बाल विवाह होने की जानकारी के बाद सभी में हड़कंप मच गया और लोग बगले झांकते रहे.
चार बाल विवाह को टीम ने रुकवाया
बाल अधिकारिता विभाग के सहायक निदेशक अर्पित जैन ने बताया कि बाल अधिकारिता विभाग, चाइल्ड हेल्पलाइन, सृष्टि सेवा समिति और कैलाश सत्यार्थी चिल्ड्रन फाउंडेशन की संयुक्त टीम ने कैथून थाना क्षेत्र की दो ग्राम पंचायत पंचायतों में चार बच्चों के हो रहे बाल विवाह को मौके पर जाकर रुकवाया. उन्होंने बताया कि परिजनों को जिला प्रशासन की टीम द्वारा बाल विवाह नहीं करने को लेकर पाबंद किया गया है.
पुलिस के साथ इन टीमों ने की संयुक्त कार्रवाई
सहायक निदेशक अर्पित जैन ने बताया कि उन्हें उक्त ग्राम पंचायत में हो रहे बाल विवाह की सूचना मिली थी. जिस पर उनके द्वारा चाइल्ड हेल्पलाइन और सृष्टि सेवा समिति की टीम को कार्रवाई करने के लिए निर्देश दिए गए. निर्देश के बाद चाइल्ड हेल्पलाइन के कोऑर्डिनेटर नरेश मीणा, सुपरवाइजर श्रुति शर्मा और सृष्टि सेवा समिति के डिस्ट्रिक्ट कोऑर्डिनेटर भूपेंद्र सिंह, पुलिस थाना कैथून पहुंचे.
उन्होंने बताया कि संबंधित अधिकारियों ने कैथून थाने के थानाधिकारी धनराज मीणा को बाल विवाह की जानकारी दी. इसकी सूचना मिलने के बाद आनन फानन में थानाधिकारी ने ड्यूटी ऑफिसर सहायक पुलिस निरीक्षक बाबूलाल को टीम के साथ मौके पर जाने के निर्देश दिए.
पुलिस और टीम को देखकर मचा हड़कंप
बाल संरक्षण अधिकारी दिनेश शर्मा ने बताया कि टीम जब ग्राम पंचायत क्षेत्र पहुंची तो वहां पर लड़कियों की शादी की तैयारी चल रही थी. अचानक टीम को मौके पर देखकर परिजनों में हड़कंप मच गया. टीम ने जब लड़कियों के जन्म संबंधी दस्तावेज जांचे गए तो तीन बालिकाएं 14 साल की आयु की पाई गई.
इस पर टीम ने लड़कियों के बाल विवाह की प्रबल संभावना को देखते हुए अपने संरक्षण में ले लिया. इसी तरह एक अन्य ग्राम पंचायत क्षेत्र में एक नाबालिग बालक के बाल विवाह की सूचना पर टीम ने उसके दस्तावेजों की जांच की, जिसमें बालक की आयु 18 साल पाई गई, जो की बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम 2006 के अंतर्गत कम थी.
नाबालिग लड़कियों को किया गया शिफ्ट
इसके बाद जिला प्रशासन की टीम ने चारों बच्चों के परिजनों को पाबंद किया गया. टीम ने लड़कियों को बाल कल्याण समिति के सदस्य ऋषभ जैन के समक्ष पेश करके राजकीय बालिका गृह में अस्थाई आश्रय दिलवाया है.
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