Rajasthan News: कोटा के कोचिंग संस्थानों ने सरकार की गाइडलाइन पर मांगा स्पष्टीकरण, संचालकों ने जिला कलेक्टर को सौंपा पत्र
New Rules for Kota Coaching Centers: कोचिंग संस्थानों के लिए केन्द्र सरकार द्वारा प्रस्तावित गाइडलाइन को लेकर असमंजस की स्थिति है. इसे लेकर कोचिंग संचालक जिला कलेक्टर डॉ. रविन्द्र गोस्वामी से मिले.
Kota Coaching Center: कोटा में कोचिंग संस्थानों के लिए राज्य सरकार की ओर से पिछले दिनों केन्द्र सरकार द्वारा प्रस्तावित गाइडलाइन के अक्षरश: पालन के आदेश जारी किए किए हैं, जिसमें अब सख्ती का रुख अपनाया जा रहा है, लेकिन गाइडलाइन में कई ऐसी विषय वस्तु हैं जो कोचिंग संस्थानों को समझ नहीं आ रही है. इसके चलते उन्होंने जिला कलेक्टर से स्थिति को स्पष्ट करने के लिए एक पत्र सौंपा है, ताकी गाइडलाइन का पालन किया जा सके और उसमें कोई गलती न हो.
दरअसल, कोटा स्टूडेंट्स वेलफेयर सोसायटी ने व्यवस्थागत चुनौतियां बताते हुए स्पष्टीकरण मांगा है. कोटा के कोचिंग संचालक जिला कलेक्टर डॉ. रविन्द्र गोस्वामी से मिले और कई मुद्दों पर स्पष्टीकरण जारी करने की मांग की. सोसायटी के सदस्यों ने कहा कि राज्य सरकार की ओर से जारी किए गए आदेश में यह स्पष्ट नहीं किया गया है कि कोचिंग के रजिस्ट्रेशन के लिए सक्षम अधिकारी कौन होगा और कहां आवेदन किया जाना है. नियमावली में क्रमांक-5 और 4 (आई) के लिए यह स्पष्ट नहीं है. यदि गाइडलाइन के पालन के संबंध में कोई शिकायत करनी हो तो भी सक्षम अधिकारी की जानकारी होनी चाहिए. इसका उल्लेख कहीं नहीं है.
गाइडलाइन के जारी करने के बाद असमंजस की स्थिति
सोसायटी के सदस्यों ने कहा कि गाइडलाइन लागू करने के संबंध में भी तिथि स्पष्ट नहीं की गई है. जब तक ऑफशियल गजट में इन निर्देशों को शामिल नहीं किया जाता, तब तक इन्हें एक विभागीय निर्देशों के रूप में ही देखा जाता है. राज्य सरकार को इन निर्देशों की पालन के संबंध में तिथि भी जारी करनी चाहिए थी. गाइडलाइन में स्पष्ट किया गया है कि रजिस्ट्रेशन ऑनलाइन किए जाने हैं, जबकि ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन के लिए कोई वेब पोर्टल अभी तक नहीं है. इस गाइडलाइन के जारी करने के बाद असमंजस की स्थिति बनी है. इससे पहले सितम्बर 2023 में जारी की गाइडलाइन का पालन किया जा रहा था.
सोसायटी के सदस्यों ने कहा कि अब नई गाइडलाइन आने पर क्या पुरानी अप्रभावी हो जाएगी, इस संबंध में भी स्पष्टीकरण दिया जाना चाहिए. गाइडलाइन लागू करने के साथ ही इसकी नियमावली और प्रक्रिया भी स्पष्ट की जानी चाहिए. गाइडलाइन लागू करने से पहले राज्य सरकार द्वारा स्टूडेंट्स के अधिकार और कोचिंग संस्थानों के पक्ष को लेकर कानूनी राय ली जानी चाहिए थी. इस संबंध में राज्य सरकार से कोटा स्टूडेंट्स वेलफेयर सोसायटी ने पूर्व में मांग भी की थी कि जब भी इस प्रस्ताव पर चर्चा की जाएगी, कोचिंग संस्थानों का पक्ष भी सुना जाए.
जिला कलेक्टर ने क्या कहा
सोसायटी के सदस्यों ने कहा कि इसके बाद भी यहां कोचिंग संस्थानों का पक्ष सुने बिना ही उसे अक्षरश: गाइडलाइन लागू करने का आदेश जारी कर दिया गया, जोकि कोटा के कोचिंग संस्थानों के साथ अन्याय है. वहीं इस संबंध में जिला कलेक्टर डॉ.रविन्द्र गोस्वामी ने कहा कि गाइडलाइन के अध्ययन के संबंध में जो सवाल कोटा स्टूडेंट्स वेलफेयर सोसायटी के सदस्यों ने उठाए हैं, उसके संबंध में उच्चाधिकारियों को सूचित किया जाएगा और सक्षम स्तर पर बात रखी जाएगी. साथ ही प्रयास किया जाएगा कि जल्द गाइडलाइन के तथ्यों में स्पष्टता आए.
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