Rajasthan News: कोटा के सरकारी कॉलेजों में एडमिशन की होड़ मची हुई है. दूर दराज से स्टूडेंट एडमिशन के लिए पहुंच रहे हैं. एडमिशन की अंतिम तिथि बढ़ने से छात्रों को बड़ी राहत मिली है. 11 सरकारी कॉलेजों की कुल सीटों के मुकाबले अब तक दो गुना से अधिक आवेदन आ चुके हैं.


तिथि तक आवेदन की संख्या में दो गुना इजाफा होने की संभावना है. छात्रों ने सबसे ज्यादा आर्ट्स और साइंस संकाय के लिए आवेदन किया है. दूसरी ओर कॉमर्स और संस्कृत के लिए सबसे कम आवेदन आए हैं.


11 कॉलेजों में अब तक करीब 15 हजार आवेदन आ चुके हैं. विशेषज्ञों का कहना है कि बार-बार अंतिम तिथि बढ़ाए जाने से आवेदन की संख्या बढ़ेगी. आवेदन की संख्या बढ़ने से एडमिशन के अवसर घटेंगे. एडमिशन के लिए कट ऑफ का लेवल हाई रहेगा.


9 हजार सीटों के मुकाबले 15 हजार आवेदन
कुल 9 हजार 296 सीटों पर शनिवार तक 14 हजार 758 आवेदन आ चुके हैं. 10 जुलाई तक आवेदन करने की अंतिम तिथि है. ऐसे में आवेदन की संख्या में तीन गुना इजाफा होने से कट ऑफ ऊंचा रहने की संभावना है. 15 जुलाई को कट ऑफ की पहली सूची जारी होगी. 


शहर और ग्रामीण इलाकों में कुल 7 राजकीय कला कॉलेज हैं. कला कॉलेज की कुल 5500 सीटों के मुकाबले अब तक दो गुना से भी अधिक 11 हजार 335 आवेदन आ चुके हैं. सबसे ज्यादा छात्रों ने गवर्नमेंट आर्ट्स कॉलेज कोटा के लिए आवेदन किया है. प्रथम वर्ष की कुल 2800 सीटों पर 5515 से अधिक छात्र आवेदन कर चुके हैं. दूसरे नंबर पर जेडीबी आर्ट्स है. 1800 सीटों के लिए 3 हजार 792 आवेदन आ चुके हैं. ग्रामीण अंचल के छात्रों की पहली पसंद इटावा कॉलेज है. इटावा कॉलेज की 200 सीटों पर अभी तक 700 से ज्यादा आवेदन किये गये हैं.  


कॉमर्स और संस्कृत छात्रों की नहीं पहली पसंद
कॉमर्स के तीन कॉलेज में कुल 2300 सीटों पर अब तक 1116 ही आवेदन आए हैं. राजकीय वाणिज्य कॉलेज कोटा में 1400 सीटों पर 791, गर्ल्स वाणिज्य में 800 सीटों पर 287 और सबसे कम रामगंजमंडी कॉलेज में 100 सीटों पर मात्र 38 ही आवेदन आए हैं.


आयुक्तालय चार बार आवेदन की अंतिम तिथि बढ़ा चुका है. अंतिम तिथि बढ़ने के बावजूद कॉमर्स में छात्रों ने दिलचस्पी नहीं दिखाई. कॉमर्स की तरह संस्कृत में भी छात्रों का रुझान घट रहा है. संभाग के सबसे बड़े संस्कृत कॉलेज में प्रथम वर्ष की मात्र 80 सीटें हैं. अब तक मात्र 53 ही आवेदन आए हैं. हालांकि, शिक्षकों का कहना है कि संभाग में तीन नए कॉलेज खुल गये हैं. इसलिए छात्र नजदीक कॉलेज को एडमिशन के लिए प्राथमिकता दे रहे हैं. 


छात्र नेताओं ने की कॉलेजों में सीटे बढाने की मांग 
छात्र नेताओं का कहना है कि कॉलेजों में सीटों की संख्या सीमित है. सीट के अनुपात से तीन गुना ज्यादा आवेदन आ रहे हैं. ऐसे में कट ऑफ का ग्राफ बढ़ेगा और कई छात्र रेगुलर एडमिशन से वंचित हो जाएंगे. उन्होंने कहा कि कॉलेजों में 30 प्रतिशत सीटें लड़कियों के लिए आरक्षित हैं. इसलिए सरकार को सभी संकाय में सेशन बढ़ाने चाहिए.


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