Kota News: कोटा (Kota) में लगातार बढ़ रहे सुसाइड (Suicide) को कम करने और विद्यार्थियों के तनाव से दूर रखने के लिए लगातार मोटिवेशन कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं. इसी कड़ी में शनिवार को कुन्हाड़ी लैंडमार्क सिटी स्थित सद्गुण सभागार में विख्यात कवि और हास्य अभिनेता शैलेश लोढ़ा (Shailesh Lodha) ने कोटा कोचिंग के विद्यार्थियों के साथ संवाद किया. यहां शैलेश ने विद्यार्थियों को जीवन का महत्व बताया तो विद्यार्थियों ने भी खुलकर उनके साथ मन की बात साझा की.


शैलेष लोढा ने कहा कि अपनी तुलना कभी किसी से मत कीजिए. किसी बच्चे के मार्क्स ज्यादा आ रहे हैं तो इसका मतलब ये नहीं है कि वो बुद्धिमान हैं. आप जो भी हैं, अपने आप में परफेक्ट हैं. मैराथन दौड़ में सिर्फ वहीं विजेता नहीं होता, जिसने दौड़ जीती है. बल्कि वह भी विजेता है, जिसने दौड़ पूरी नहीं की. वह भी विजेता है, जो क्वालिफाई नहीं हुआ था लेकिन इस बार क्वालिफाई हो चुका है. वो भी जीतता है जिसने पिछली बार से कम समय में दौड़ पूरी कर ली. यदि सिलेक्शन नहीं होता है तो यकीन मानिए, ऊपर वाले ने आपके लिए कुछ और अच्छा सोच रखा है. उन्होंने कहा कि जीवन में रिजेक्शन से नहीं घबराना है. रिजेक्शन का सामना करें.


कोटा पर गर्व होता है- शैलेश
शैलेश ने कहा कि आज हम पूरे देश-दुनिया में जाते हैं. कोटा का नाम सुनते हैं तो गर्व होता है. शिक्षा की काशी कोटा को लोग पहचानते हैं. कोटा ने इंजीनियरिंग और मेडिकल एंट्रेंस एग्जाम की तैयारी के क्षेत्र में नया आयाम स्थापित किया है. बच्चों का ड्रीम डेस्टिनेशन है और एक ऐसा शहर है जहां पढ़ाई के लिए देश में सबसे अच्छा माहौल है.
 
 हताशा भरे क्षणों से कुछ सीखने का प्रयास करें- शैलेश
शैलेष ने कहा कि जीवन में निराशा नाम की कोई चीज नहीं होती. निराशा हम इसलिए महसूस करते हैं कि हमें जीवन का कोई अर्थ नजर नहीं आता लेकिन, जब हम अपनी रूचि की चीजों को देखते हैं तो हमें नया अर्थ नजर आने लगता है. जिंदगी हमेशा जीना सिखाती है. निराशा के क्षणों को कभी जीवन में हावी नहीं होने दें. बल्कि जीवन के हताशा भरे क्षणों से कुछ सीखने का प्रयास करें. खुद को बेहतर बनाने की कोशिश ही हमारा लक्ष्य होना चाहिए.


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