Kota: FIR दर्ज होने के बाद भी बेखौफ घूम रहे बदमाश, रंगदारी दे-देकर परेशान व्यापारी, एक्शन क्यों नहीं ले रही पुलिस?
Rajasthan Crime News: कोटा में अपराधी खुलेआम व्यवसाय संचालित करने के लिए वसूली का दबाव बना रहे हैं. बताया जा रहा है कि ऐसे अपराधियों को राजनीतिक संरक्षण प्राप्त है.
Kota Crime News: राजस्थान में आरोपी के खिलाफ सबूत होने, एफआईआर दर्ज होने के बाद भी पुलिस अपराधी को गिरफ्तार करने में बेबस नजर आ रही है. अपराधियों को राजनीतिक संरक्षण प्राप्त होने से अब स्थानीय निवासी और व्यापारियों में भय व्याप्त है. अपराधी खुलेआम व्यवसाय संचालित करने के लिए वसूली का दबाव बना रहे हैं. इस मामले में आरोपियों के खिलाफ तीन एफआईआर दर्ज हो चुकी हैं, लेकिन स्थानीय जनप्रतिनिधि का संरक्षण प्राप्त होने से उसे पुलिस गिरफ्तार नहीं कर रही है. ललित किशोर गुप्ता (चित्तौडा) पुत्र स्व. सूरज नारायण गुप्ता निवासी 4-के-37 तलवंडी कोटा द्वारा महावीर मीणा और अन्य दो लोगों के खिलाफ सीमलिया थाने में मामला दर्ज कराया गया है.
1 लाख की अवैद वसूली की मांग की
ललित चित्तोडा ने बताया कि ग्राम पुराना पाचडा तहसील दीगोद जिला कोटा में मेरा लक्ष्य स्टोन क्रेशर के नाम से गिट्टी क्रेसर है. ग्राम कराडिया सीमलिया कोटा ग्रामीण का महावीर मीणा पुत्र प्रभु लाल आए दिन क्रेशर पर आकर धमकाता रहता है, कई बार वह अवैध वसूली का प्रयास करता है. अपराधिक भय दिखाकर क्रेसर बंद करने की धमकी देता है. उन्होंने कहा कि 1 फरवरी को मैं क्रेसर पर ही था, मेरे साथ प्रताप सिंह चंदी, नरेन्द्र सिंह उर्फ चिल्लू बापचा, हारून रसीद भी क्रेशर के ऑफिस में थे. दोपहर करीब 1 बजे एक कार तेज गति से मेरे क्रेसर पर आई और मेरे ऑफिस के बाहर आकर रुकी.
बाहर जाकर देखा तो महावीर मीणा और गाड़ी में दो अन्य व्यक्ति भी थे. उन्होंने बताया कि उनसे क्रेशर पर आने का कारण पूछा तो धमकाते हुए कहा कि तू मेरे मिले बिना यहां क्रेसर नहीं चला सकता है. क्रेसर चलाना है तो एक लाख रुपए बंधी देनी होगी नहीं तो तुझे जान से हाथ धोना पड़ सकता है.
जान से मारने की दी धमकी
एफआईआर में बताया गया कि यहां सभी क्रेसर वाले मुझे पैसा देते हैं, तुझे भी देना पड़ेगा, नहीं तो खामियाजा भुगतने के लिए तैयार रहना. उसने पूछा कि अन्दर कौन-कौन क्रेशर वाला बैठा हुआ है. साथ ही उसने पलायथा की पूर्व सरपंच प्रियंका नंदवाना के बारे में पूछा कि प्रियंका भी यहां आई हुई है क्या. उसको भी पत्थर की लीज चलाना सिखा दूंगा. इसी दौरान मेरे साथ ऑफिस में बैठे लोग प्रताप सिंह चन्दी, नरेन्द्र सिंह उर्फ चिल्लू, हारून रसीद भी मेरे ऑफिस के गेट पर आ गए, जिन्होंने भी यह दृश्य देखा और सुना है.
यह सब घटना मेरे क्रेशर पर लगे हुए सीसीटीवी कैमरे में कैद है, जिसकी फुटेज पेनड्राइव में पुलिस को सुपुर्द कर दी. महावीर मीणा पुत्र प्रभुलाल गुण्डागदी और दादागिरी के दम पर मुझे जान से मारने की धमकी देकर मुझसे एक लाख रुपए महीने की अवैध वसूली करना चाहता है. इसके लिए उसने मुझे अंतिम रूप से चेतावनी दी, जिससे मुझे जान माल का खतरा है.
पुलिस की गिरफ्त से आरोपी दूर
इससे पहले भी 5 फरवरी को प्रार्थी पूर्व सरपंच पलायथा प्रियंका नंदवाना ने महावीर मीणा, राजकुमार मीणा और दो अन्य लोगों के खिलाफ सीमलिया में रिपोर्ट दर्ज कराई थी. उन्होंने बताया कि मेरी खान पर महावीर मीणा और राजकुमार मीणा आए दिन आते हैं और कर्मचारियों को परेशान करते हैं. खान पर परेशान करने के दौरान पुलिस को बुलाया गया जहां पुलिसकर्मियों ने लीज कागज मंगवाए. पूर्व सरपंच प्रियंका नंदवाना जब कोटा से रुग्धी पहुंची, तो नहर के पास चिल्लू, हारून भाई और ललित चित्तौडा मिले, जिनकी गाड़ी में बैठकर हम जा रहे थे. महावीर कराडिया और उसके साथी मुझे रास्ते में मिले, जिन्होंने गाड़ी आगे लगाकर हमें रोक लिया और मेरे पास आकर गाड़ी का गेट खोलकर मुझे गंदी गालियां दी और महावीर मीणा ने मेरा हाथ पकड़ लिया और मेरे साथ बदसुलूकी की. आरोपी ने 50 हजार प्रतिमाह की बंधी देने की मांग की.
वहीं नरेन्द्र सिंह निवासी 120 फीट आदिनाथ नगर बोरखेडा ने भी एक रिपोर्ट राजकुमार मीणा और महावीर मीणा के खिलाफ मामला दर्ज कराई है, जिसमें उन्होंने बताया कि मेरा भी कृष्णा स्टोन क्रेशर है. 2 फरवरी को ट्रांसपोर्ट नगर से बोरखेडा आदिनाथ नगर मेरे मकान पर जा रहा था. जैसे ही मैंने मकान पर गाड़ी रोकी, तो मरे पीछे से भौरा गांव का राजकुमार मीणा जिसके साथ एक अन्य व्यक्ति था वहां आया और कहा कि क्रेशर चलाना है तो एक लाख रुपए बंधी देनी होगी. आरोपियों ने धमकी दी कि बंधी नहीं दी, तो तेरी लाश का पता भी नहीं चलेगा, मुझे महावीर कराडिया ने भेजा है.
उन्होंने आगे कहा कि मैं घबरा गया और चिल्लाया तो मेरी पत्नी कृष्णा गुर्जर बाहर आई, जिसके सामने राजकुमार मीणा ने मुझे धमकाया. इस पर थाना बोरखेडा पर परिवाद दर्ज कराया गया. इन मामलों में पुलिस आरोपियों को गिरफ्तार नहीं कर पाई है. आरोपियों को राजनैतिक संरक्षण प्राप्त होने से पुलिस गिरफ्तार नहीं कर पा रही है, जिस कारण हमें हमारी जान का डर है. इस मामले में थानाधिकारी उम्मेद सिंह यादव ने बताया कि मामले की जांच की जा रही है. बयान दर्ज किए जा रहे हैं, नियमानुसार कार्रवाई होगी.
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