Kota Crime News: पुलिस विभाग में पहले से खाली पद नहीं भरे जा रहे, ऐसे में लगातार क्राइम बढ रहा है. अब तो राज्य में साइबर ठगों ने नाक में दम कर रखा है. पता नहीं साइबर ठग कहां बैठे-बैठे ठगी कर लेते हैं और आमजन भी लालच या अनजाने में इनका शिकार हो जाते हैं. ऐसे में पुलिस का इन ठगों को पकड़ना मुश्किल हो गया है. कोर्ट में सजा दो दूर की बात है, पुलिस इनके ठिकानों तक भी नहीं पहुंच पा रही है. यही कारण है कि कोटा संभाग में पुलिस महज 25 फीसदी तक ही पहुंच सकी है. वहीं 61 फीसदी ठग पुलिस की आंख में धुल झोंकर कर फिर से नए लोगों की तलाश में रहते हैं. बाकी मामलों में जांच की जा रही है.

बड़े लोगों के नाम हो रही ठगी

यदि साइबर क्राइम से बचना है तो इनसे दूरी बनाना ही एक मात्र उपाए है. कोई भी मैसेज आए उसे इंग्नोर करते रहिए और ज्यादा आवश्यक हो, तो बैंक जाकर, मोबाइल ऑफिस या सम्बंधित कार्यालय जाकर ही सम्पर्क करना चाहिए. अब बड़े-बड़े लोगों के नाम से ठगी की जा रही है और अनजान लोग उनके झांसे में आ भी जाते हैं.

ऑनलाइन ठगी में रुपयों की रिकवरी करना मुश्किल

पुलिस का इन्वेस्टिगेशन सिस्टम साइबर मामलों में थोडा पीछे है. पुलिस साइबर थाने तो खोल रही है, लेकिन उनके पास ऐसे अधिकारियों का अभाव है, जो साइबर क्राइम से जुड़े मामलों का प्रॉपर इन्वेस्टिगेशन कर सकें. इसके साथ ही ऑनलाइन ठगी में रुपये की रिकवरी कर पाना भी पुलिस के बस में नहीं है.

कोटा शहर में साइबर क्राइम

कुल-                                        केस   गिरफ्तारी  FIR चालान  
215 56 54 113  
         
कोटा ग्रामीण        
केस   गिरफ्तारी  FIR चालान  
46 31 31 8  
झालावाड        
केस   गिरफ्तारी  FIR चालान  
61 44 38 11  
बारां        
केस   गिरफ्तारी  FIR चालान  
43 22 22 14  
बूंदी        
25 6 6 17  

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