Bundi Rao Surajmal Hada Chhatri: राजस्थान के कोटा विकास प्राधिकरण द्वारा पूर्व बूंदी राजघराने के राव सूरजमल हाड़ा की 600 साल पुरानी 'छतरी' को ध्वस्त करने के बाद विवाद खड़ा हो गया है. केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने मामले की जांच की मांग की है. जबकि, ग्रामीणों का दावा है कि यह राजपूत समुदाय के लिए पूजनीय स्थल है. उन्होंने कहा कि कोटा एयरपोर्ट के विस्तार के लिए शुक्रवार (20 सितंबर) को की गई तोड़फोड़ के बारे में उन्हें पहले से जानकारी नहीं दी गई थी.


केंद्रीय पर्यटन मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने कोटा-बूंदी जिले की सीमा पर तुलसी गांव में स्थित ऐतिहासिक संरचना के विध्वंस की निंदा की. उन्होंने अपने सोशल मीडिया हैंडल एक्स पर ट्वीट कर कहा, "बूंदी नरेश राव सूरजमल हाड़ा जी की छतरी को ध्वस्त करना एक दुखद और व्यथित करने वाली घटना है. क्या केडीए ने छतरी के ऐतिहासिक महत्व को जानते हुए भी यह कृत्य किया? इस संबंध में जांच और पर्याप्त कार्रवाई आवश्यक है. जनता की भावना को सर्वोच्च रखना प्रशासन की नैतिक जिम्मेदारी है."





स्थानीय लोगों ने क्या कहा?
राजपूत समुदाय के स्थानीय सदस्य भरत सिंह के अनुसार, कोटा विकास प्राधिकरण की टीम ने छतरी को ध्वस्त कर दिया, जो स्थानीय लोगों के लिए एक पवित्र स्थान था और हर रविवार को इस स्थान पर मेला लगता था. रियासत काल की छतरी, जिसे मंदिर के रूप में पूजा जाता था उसे ध्वस्त कर दिया गया. हालांकि, यह निजी जमीन पर थी.


उन्होंने कहा कि ग्रामीण 600 सालों से छतरी के नीचे स्थित राव सूरजमल हाड़ा की मूर्ति को अपने देवता के रूप में पूजते आ रहे थे. उन्होंने कहा कि राजपूत समुदाय का मानना ​​है कि ऐतिहासिक छतरी को ध्वस्त करने के बजाय स्थानांतरित किया जाना चाहिए था और इसके सदस्य एक विरोध रैली निकालेंगे.




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