Kota News: अस्पताल में बिल्लियों के उधम के बाद हरकत में आया जिला प्रशासन, कलेक्टर ने इस अधिकारी पर की कार्रवाई
Rajasthan News: कोटा के मातृ एवं शिशु चिकित्सालय में बिल्लियों को घूमने, बेड पर अठखेलियां करने और डिलिवरी वार्ड में बिल्लियों द्वारा डेरा जमाने एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा था.
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Kota News: कोटा संभाग के सबसे बड़े मातृ और शिशु चिकित्सालय में बिल्लियों को घूमने, बेड पर अठखेलियां करने और डिलिवरी वार्ड में बिल्लियों के डेरा जमाने पर जिला कलक्टर ने नाराजगी जताई है. नाराज कलेक्टर ने सुपरवाइजर को निलंबित कर दिया है.
अस्पताल के लेबर रूम में बिल्लियों की धमाचौकड़ी
जिला कलेक्टर ओपी बुनकर ने जेके लोन अस्पताल में बिल्ली के बच्चे लेबर रूम के बाहर कोरिडोर के बेड और आसपास घूमने के मामले को गंभीरता से लिया. उन्होंने अस्पताल के वरिष्ठ नर्सिंग ऑफिसर चाहना यादव को निलम्बित कर दिया है. जेके लोन अस्पताल के लेबर रूम में बिल्ली से स्टाफ परेशान था. जेके लोन चिकित्सालय के औचक निरीक्षण में अनियमितता व लापरवाही बरतने और प्रधानाचार्य राजकीय आयुर्विज्ञान महाविद्यालय और नियंत्रक चिकित्सालय समूह के पत्र के आधार पर वरिष्ठ नर्सिंग ऑफिसर चाहना यादव को राजस्थान सिविल सेवा अधिनियम के तहत निलंबित किया गया है. निलंबन काल के दौरान उनकी तैनाती राजकीय आयुर्विज्ञान महाविद्यालय और नियंत्रक सलंग्न चिकित्सालय समूह कोटा में रहेगी.
अस्पताल स्टाफ ने बिल्लियों को पकड़कर बाहर छोड़ा
जेके लोन अस्पताल का एक वीडियों वायरल हो रहा है. इसमें जहां महिलाओं की डिलिवरी होनी चाहिए वहां बिल्लियां दिखाई दे रही हैं, वह भी एक दो नहीं चार-पांच बिल्लियां. बिल्लियों के बच्चे पलंग पर घूम रहे हैं, खेल रहे हैं और गंदगी कर रहे हैं.इस पूरे मामले का वीडियों कोटा में तेजी से वायरल हुआ. जैसे ही जिला प्रशासन और अस्पताल प्रशासन को पता चला तो उन्होंने आनन-फानन में कई प्रयास किए लेकिन बिल्ली के बच्चें साथ होने से वह आक्रामक हो रही थीं. बिल्लियों को पकड़ने वाला कोई नहीं मिला तो स्टॉफ ने ही बिल्लियों को हिम्मत कर पकड़ा और बाहर छोड आए.
मातृ एवं शिशु चिकित्सालय कोटा संभाग में सबसे बड़ा अस्पताल है. यहां हजारों की संख्या में मरीज आते हैं. मरीज भर्ती होते हैं. कोटा ही नहीं मध्य प्रदेश की सीमा क्षेत्र से भी मरीज यहां आते हैं.ऐसे में इस तरह का वीडियो सामने आने से अस्पताल की सुरक्षा व्यवस्था को लेकर सवाल खड़े होने लगे थे. इसके बाद कलेक्टर अस्पताल पहुंचे और औचक निरीक्षण कर बिल्ली के मामले की जानकारी ली. अव्यवस्थाएं दिखी तो सुपरवाइजर को निलंबित कर दिया.सफाई नहीं होने पर भी नाराज हुए और फटकार भी लगाई.
बिल्लियों से क्या था खतरा
अस्पताल के लेबर रूम में रिनोवेशन का कार्य चल रहा है. लेबर रूम को स्टोर के नजदीक अस्थायी तौर पर शिफ्ट कर दिया गया है. लेबर रूम में गर्भवती महिलाओं का डिलिवरी होती है. इस जगह के पास ही तीन चार बिल्लियों ने डेरा जमा रखा था. इससे नवजात शिशुओं को उठा ले जाने, बच्चे की नाल और अन्य अपशिष्ट को ले जाने और कई दूसरे खतरे थे. अस्पताल के अधीक्षक डॉक्टर आशुतोष शर्मा ने बताया कि स्टॉफ को निलंबित कर दिया है. उन्होंने कहा कि अस्पताल के स्टॉफ ने ही बिल्लियों को पकड़कर बाहर छोड़ा.
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