(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
Kota News: कोटा में डॉक्टरों ने खौफ के बीच दी कोबरा सांप को नई जिंदगी, बताया-कितना था जटिल ऑपरेशन
कोटा में जटिल ऑपरेशन सफलतापूर्वक कर डॉक्टरों ने कोबरा सांप को नई जिंदगी दी है. वेटेनरी डॉ. अखिलेश पांडे ने बताया कि एक दिन ऑब्जरवेशन में रखा गया.
Kota Latest News: कोटा में पहली बार कोबरा सांप का जटिल ऑपरेशन किया गया. डर और खौफ के बीच डॉक्टरों ने सांप को नई जिंदगी दी. वेटरनरी डॉ. अखिलेश पांडे ने बताया कि सांप का ऑपरेशन करना चुनौती भरा था. चार पांच टांके लगाकर सांप को एक दिन ऑब्जरवेशन में रखा गया. घाव को साफ करने के बाद ब्लड रोकने की दवा लगाई गई. पसलियों को अंदर कर टांके लगाए गए. टांके एक माह में अपने आप ही गल जाएंगे. एक दिन ऑब्जरवेशन में रखकर सांप को एंटीबायोटिक इंजेक्शन दिया गया. इंजेक्शन का असर एक सप्ताह रहेगा.
पहली बार कोबरा सांप का जटिल ऑपरेशन
ऑपरेशन करने से पहले सांप के मुंह को पाइप में डालकर टेप चिपकाया गया. रेस्क्यूरर राकेश सेन ने बताया कि प्रोफेसर विनोद महोबिया सर्प एवं मानव कल्याण संस्था के विष्णु श्रृंगी को धाकड़ खेड़ी से कोबरा के घायल होने की सूचना मिली थी. संस्था के रेस्क्यूरर राकेश सेन को मौके पर भेजा गया. उन्होंने एक मकान की छत पर देखा कि करीब 4 फीट लंबा कोबरा गंभीर रूप से घायल पड़ा है. सांप के शरीर पर गहरा घाव और खून बह रहा था. फेफड़े और पसलियां बाहर निकले हुए थे.
सांप को सुरक्षित पकड़कर जार में नया नोहरा स्थित एक क्लीनिक पर ले जाया गया. सीमित संसाधन होने के बावजूद सर्जरी का फैसला लिया गया. कोबरा को एक पाइप में डालकर काबू किया और टेप से चिपका दिया. खून रोकने के लिए ब्लड कोटिंग दवा दी गई और घाव को अच्छे से साफ किया गया. डॉ. विनीत महोबिया ने बताया कि सांप के ऑपरेशन का पहला मामला हो सकता है लेकिन इससे पहले भी गर्म डामर चिपके सर्प को कोटा में ठीक किया गया.
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मुंह को प्लास्टिक के पाइप में डालकर सर्जरी
एक सांप के चोट को ठीक करने के लिए टांके लगाए गए. लेकिन पसलियां और फेफड़े बाहर आए सांप को चार से पांच टांके लगाना, ऑब्जरवेशन में रखना बेहद ही चुनौती भरा था. सांप के डंसने का भी डर था और जिंदगी भी बचाना था. ऐसे में सांप के मुंह को प्लास्टिक के पाइप में डाला गया ताकि एक छोर से सांप सांस लेता रहे और दूसरे छोर पर ऑपरेपरेशन चलता रहे. बिना एनेस्थीसिया दिए सांप की सर्जरी को सफलतापूर्वक पूरा किया गया. दूसरे दिन स्वस्थ्य होने पर सांप को जंगल में छोड़ दिया गया.