Rajasthan News: राजस्थान के कोटा मंडल रेल प्रबंधक के खिलाफ कोटा के रेलवे कॉलोनी थाने में धोखाधड़ी करने का मामला दर्ज किया गया है. न्यायालय विशिष्ठ न्यायाधीश एससी-एसटी निवारण प्रकरण में महिला की जमीन पर रेलवे की ओर से कब्जा करने के मामले में पेश आवेदन पर सुनवाई के बाद यह कार्रवाई हुई. कोटा रेल मंडल के डीआरएम और सीनियर सेशन इंजीनियर के खिलाफ रेलवे कॉलोनी थाना ने धोखाधड़ी से जमीन हड़पने और जाति सूचक शब्दों से अपमानित करने का मामला दर्ज किया है.
शिकायतकर्ता कन्या बाई पत्नी राजू निवासी शिवाजी कॉलोनी ने न्यायालय विशिष्ठ न्यायाधीश एससी-एसटी निवारण प्रकरण न्यायालय में पेश किए आवेदन में बताया कि उनकी रेलवे की जमीन के पास पुरोहित की टापरी में पुश्तैनी जमीन है. दो साल पहले उसने अपनी जमीन का सीमांकन करवाया था. भूमि का सीमांकन करवाने के दौरान मौके पर तहसीलदार, पटवारी, रेलवे और आरपीएफ के अधिकारी भी मौजूद थे. उस दौरान जमीन सीमांकन को रेलवे अधिकारियों ने मान लिया था. इसके बाद उसने अपनी पुश्तैनी जमीन पर घिरवा दिया था, लेकिन कुछ समय बाद रेलवे ने उसकी जमीन को अपनी सम्पत्ति बताते हुए अपना हक जता दिया. साथ ही से लगाई गई लोहे की फैसिंग को भी तोड़ दिया.
रेलवे अधिकारियों के खिलाफ धोखाधड़ी का मामला दर्ज
शिकायतकर्ता ने बताया कि उसने जमीन पर रेलवे की ओर से जबरन कब्जा करने की शिकायत रेलवे कॉलोनी थाने में दर्ज करवाई थी. पुलिस की ओर से कोई कार्रवाई नहीं करने के बाद उसने इसकी शिकायत पुलिस अधीक्षक से की थी. इसके बाद भी पुलिस ने रेलवे के अधिकारियों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की. वहीं पुलिस उप अधीक्षक खींव सिंह ने बताया कि रेलवे कॉलोनी थाना पुलिस ने न्यायालय ने प्राप्त आवेदन पर रेलवे के डीआरएम मनीष तिवारी और वरिष्ठ खंड अभियंता सुदीप शर्मा के खिलाफ धोखाधड़ी और एससी-एसटी एक्ट में मामला दर्ज किया है. इस मामले में शिकायत दर्ज होते ही जांच शुरू कर दी गई है. साथ ही शिकायतकर्ता कन्या बाई के बयान दर्ज कर लिए गए हैं.
रेलवे को पेश करने होंगे जमीन के कागजात
इस मामले में रेलवे के अधिकारियों के बयान दर्ज करने की कार्रवाई की जा रही है. रेलवे विभाग से जमीन से संबंधित दस्तावेज प्राप्त किए जाएंगे. कन्या बाई से भी उनकी जमीन के दस्तावेज ले लिए गए हैं. पुलिस ने इस मामले में जांच शुरू कर दी है. डीआरएम मनीष तिवारी पहले भी एक विवाद की वजह से सुर्खियों में रहे हैं. उन्होंने रेलवे विभाग में ठेके पर निर्माण काम करने वाले एक ठेकेदार का 6.37 लाख का भुगतान रोक लिया था. इसके बाद कोर्ट के आदेश पर डीआरएम ऑफिस में कुर्की की कार्रवाई की गई थी, लेकिन कोर्ट से उन्होंने समय मांगा और उसके बाद उन्हें राशि जमा करानी पड़ी. इस मामले में जनसंपर्क अधिकारी और वरिष्ठ मंडल वाणिज्य प्रबंधक रोहित मालवीय का कहना है कि हमारे पास जमीन की कमी नहीं है, विवादित जमीन रेलवे के क्षेत्राधिकार में है. अब मामले की अगली सुनवाई फरवरी में होगी.