Rajasthan News: मन प्रभावी दवाइयों की खरीफरोख्त कर फर्जी मरीजों के नाम पर फाइल बनाकर नशा करने वालों को बेचने का मामला सामने आया है. केंद्रीय नारकोटिक्स ब्यूरो (सीएनबी) की टीम ने एक गुप्त सूचना पर नशा मुक्ति केन्द्र पर रेड कर भारी मात्रा में नशे की गोलियां बरामद की. अवैध मादक पदार्थ तस्करी के खिलाफ नारकोटिक्स टीम की ये बडी कार्रवाई है.


नारकोटिक्स टीम ने गंगानगर के सादुलशहर में छापामार कार्रवाई की. यहां उम्मीद नशा मुक्ति केंद्र से अवैध रूप से बेची जा रही नशीली दवाओं और इंजेक्शन की खेप को जब्त किया गया. इन दवाओं की बाजार में कीमत 20 लाख रुपए बताई गई है. टीम में डॉक्टर विशाल सोनेवाने समेत 4 लोगों को गिरफ्तार किया गया है, जिनसे पूरे मामले में पूछताछ की जा रही है.


मन प्रभावी दवाई बरामद


उप नारकोटिक्स आयुक्त विकास जोशी ने बताया कि लंबे समय से सूचना मिल रही थी कि नशा करने वालों को अवैध तरीके नशीली दवाई बेची जा रही है. सूचना पर भीलवाड़ा और चित्तौड़ के निवारक सादुलशहर के उम्मीद नशा मुक्ति केंद्र पर टीम ने छापा मारा. पूरे नशा मुक्ति केन्द्र की तलाशी लेने पर 1 लाख 58 हजार मन प्रभावी दवाइयां बरामद की गई. मौके से ही तीन संचालक प्रदीप कुमार (33), श्रवण कुमार (21), अनिल बेनीवाल (50) और डॉ. विशाल सोनवेल (44) को गिरफ्तार किया गया. आरोपियों से गहनता से पूछताछ की जा रही है कि ये चारों व्यक्ति फर्जी तरीके से दवाइयों को बेचने का काम कर रहे थे.


नशा मुक्ति केन्द्र पर आते थे 10 मरीज, रिकॉर्ड में 50


विकास जोशी ने बताया कि नशा मुक्ति केन्द्र पर केवल 10 मरीज ही आते थे, लेकिन इन लोगों ने रिकॉर्ड में 50 के करीब मरीज दर्ज कर रखे थे. इनके पास से अल्प्राजोलम 4626 टेबलेट, बुप्रेनोर्फिन 93,622 टेबलेट, क्लोरोडायजेपोक्साइड 1990 टेबलेट, क्लोनाजेपम 15,880 टेबलेट पकड़े गए. इसके साथ ही 410 कैप्सूल, एटीजोलाम 17,095, लोराजेपाम 14067 टेबलेट 50 इंजेक्शन, निट्राजेपाम 2585 टेबलेट, ट्रामाडोल 1268 टेबलेट और 28 इंजेक्शन, जोल्पीडेम 4190 टेबलेट यानी कुल 1 लाख 58 हजार 520 टेबलेट और इंजेक्शन पकड़े गए.  


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