Kota News: पूर्व मंत्री और सांगोद विधायक भरत सिंह (Bharat Singh) ने इस बार शिक्षा में कोटा (Kota) ग्रमीण क्षेत्र के पिछडने पर चिंता जाहिर की है. साथ ही उन्होंने  जिला कलेक्टर कोटा एक पत्र को लिखा है. इसमें उन्होंने कहा है कि कोटा की ग्रामीण शिक्षा पर ध्यान देने की आवश्यकता है. कोटा जिला राजस्थान के 33 जिलो में 26वीं रैंक पर आया है.


ग्रामीण क्षेत्र की शिक्षा की सच्चाई चिंता का विषय
भरत सिंह ने जिला कलक्टर को लिखे पत्र में कहा कि कोटा को देश में शिक्षा नगरी के नाम से जाना जाता है. कोटा में 2.50 लाख के लगभग स्टूडेंट कोचिंग प्राप्त करते हैं. कोटा में कोचिंग एक बड़ा धंधा है. इस शहर में बडी संख्या में हॉस्टल, मेस और प्रोपर्टी का धंधा इस कोचिंग जगत से जुड़ा है. 17 मई को शिक्षा विभाग के 8 वीं बोर्ड का परिणाम घोषित हुआ. इसमें कोटा जिला, प्रदेश के 33 जिलों में 26वीं रैंक पर आया हैं. यह कोटा ग्रामीण क्षेत्र की शिक्षा की सच्चाई है, जो चिंता का विषय है.


पत्र में और क्या लिखा
भरत सिंह ने कलेक्टर को लिखे पत्र में कहा कि कोचिंग धंधे में करोड़ों की कमाई करने वाले कोचिंग संस्थान के साथ आप मीटिंग करें. इनके द्वारा कमाई गई राशि में से सीएसआर के तहत कुछ राशि ग्रामीण क्षेत्र की शिक्षा व्यवस्था पर खर्च करें. शिक्षा नगरी में हमें सरकारी शिक्षा व्यवस्था पर अधिक ध्यान देना होगा और सुधार लाना होगा. गौरतलब है कि देश और दुनिया में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करने के लिए कोटा चर्चित है. कोटा को कोचिंग हब के रूप में जाना जाता है. बता दें कि उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, कर्नाटक, पश्चिम बंगाल समेत देश के विभिन्न राज्यों के लाखों छात्र यहां अपना लक्ष्य हासिल करने के लिए आते हैं.


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