कोटा में करंट लगने से विद्युत कर्मचारी की मौत, परिजनों ने पोस्टमार्टम कराने से किया मना, जमकर किया हंगामा
Kota News: कोटा जिले के इटावा कस्बे में एक विद्युत कर्मचारी की विद्युत लाइन की चपेट में आने से मौत हो गई. कर्मचारी दो घंटे तक वहीं पड़ा रहा. चिकित्सकों ने चेककर उसे मृत घोषित कर दिया.
Electric Worker Died In Kota: कोटा जिले के इटावा कस्बे में एक विद्युत कर्मचारी की विद्युत लाइन की चपेट में आने से मौत हो गई. कर्मचारी दो घंटे तक वहीं पड़ा रहा, जब लोगों ने उसे देखा तो वह बेहोश था, जिसे इटावा चिकित्सालय में लेकर गए वहां से कोटा रेफर कर दिया.
कोटा में चिकित्सकों ने चेक कर उसे मृत घोषित कर दिया. परिजनों ने डेड बॉडी का पोस्टमार्टम नहीं करने दिया और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई और मुआवजे की मांग की.
11 केवी लाइन के फ्यूज काटते समय करंट लगा
इटावा थाना अधिकारी मांगेलाल यादव ने बताया कि कोटा निवासी 35 वर्षीय टेक्निकल हेल्पर गजेंद्र पारोलिया जयपुर विद्युत वितरण निगम लिमिटेड के 33 केवी जीएसएस पर काम करता था. उसका काम वहां लाइन को चालू और बंद करने का था, वह 11 केवी लाइन का फ्यूज निकाल रहा था तभी उसे करंट लग गया और वह बेहोश हो गया. जिस समय यह हादसा हुआ वहां कोई नहीं था और गजेन्द्र वहां पड़ा रहा, उसे उठाने वाला कोई नहीं था, ना ही वहां कोई इंजीनियर था, ऐसे में उसकी मौत हो गई.
नौनेरा फीडर की सप्लाई को सिंगल फेस करने गया था गजेन्द्र
गजेन्द्र की तबीयत ठीक नहीं थी फिर भी वह 48 घंटे से कार्य कर रहा था. वह नौनेरा फीडर की सप्लाई को सिंगल फेज करने गया, इसी दौरान यह हादसा हो गया. परिजनों का आरोप था कि इंजीनियर वहां नहीं होने से यह हादसा हुआ ना ही वहां कोई सुरक्षा उपकरण थे. परिजनों ने सरकारी नौकरी और 20 लाख के मुआवजे की मांग की है. वहीं इस मामले में जेवीवीएनएल के अधिशासी अभियंता आशीष जौहरी ने कहा कि यह हादसा है, जो भी नियमानुसार राहत दी जा सकती है वह दी जाएगी. वह ड्यूटी पर था और हादसा हो गया.
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