Kota Farmer Suicide: फसलों के लिए मुसीबत बनकर बरसी बारिश, नुकसान के चलते किसान ने लगाया मौत को गले
बारिश और ओलावृष्टी ने फसलों को काफी नुकसान पहुंचाया है. ऐसे में कोटा के एक किसान ने अपने खेतों की फसलें खराब देखकर आत्महत्या कर ली. वह फसलों से कमाई रकम से बेटी की शादी में लिया कर्ज चुकाने वाला था.
Kota Farmer Suicide: कोटा संभाग में पिछले कुछ दिनों में हुई बरसात और ओलावृष्टि से सैकड़ों किसानों की फसलें तबाह हो गई हैं, जिससे कई किसान सदमें में आ गए हैं. जबकि एक किसान ने तो मौत को गले लगा लिया है. कोटा संभाग में करोड़ों रुपए का नुकसान बताया जा रहा है. कोटा में वैसे तो सैकड़ों किसान परेशानी में आ गए हैं और सरकार कब मदद करेगी ये भी पता नहीं लेकिन फसल की खराबी एक किसान की मौत का कारण बन गया है.
बूंदी जिले में परेशान होकर एक किसान ने आत्महत्या कर ली है. जिले के तालेड़ा पंचायत समिति इलाके के बाजड़ गांव के किसान पृथ्वीराज बैरवा ने फसल खराब होने से नुकसान के कारण सदमें में आकर आत्महत्या कर ली. मृतक किसान के बेटे मनीष ने तालेडा थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई की मेरे पिता की कड़ी मेहनत पानी में बह गई. फसल खराब और कर्जा ज्यादा होने के चलते पिता ने आत्महत्या कर ली. पुलिस के अनुसार ही मृतक का पोस्टमार्टम और पंचनामा करवा कर शव परिजनों को सौंप दिया गया है और मामले में जांच की जा रही है.
बेटी की शादी में लिया था कर्ज
गांव के सरपंच नाथूलाल ने बताया कि पृथ्वीराज बैरवा (60) साल का था और उसके पास महज तीन से चार बीघा जमीन थी. जबकि बेटी-बेटियों की शादी में उसने कर्ज भी लिया था. किसान की फसल ठीक होने पर उसे कर्ज चुकाने का भरोसा था, लेकिन बरसात ने उसके भरोसे को तोड़ दिया. किसान पर करीब 5 लाख का कर्जा था. शनिवार को किसान अपने खेत पर गया और फसल देखकर सदमें में आ गया और उसने खेत पर ही आत्महत्या का प्रयास किया. परिजन उसे लेकर अस्पताल पहुंचे तो वहां से उसे कोटा रेफर कर दिया गया. लेकिन रविवार रात को उसकी मौत हो गई.
घर में 11 सदस्य, किसान था इकलौता सहारा
मृतक किसान के बेटे मनीष का कहना है कि उसके पिता ही घर का खर्च चला रहे थे. घर में करीब 11 सदस्य हैं, दो बेटे मनीष और नारायण कोटा में मजदूरी कर केवल पेट पाल पा रहे हैं, ऐसे में इस बार मृतक किसान पृथ्वीराज को उम्मीद थी कि फसल अच्छी हुई है और कर्ज चुका दिया जाएगा, लेकिन बेमौसम बरसात के कारण खडी फसल नष्ट हो गई. सारी उम्मीदों पर पानी फिर गया. कर्ज नहीं चुका पाने की टेंशन के कारण उन्होंने आत्महत्या कर ली.