Rajasthan News: कोटा (Kota) में किसानों की समस्याओं को लेकर कई संगठन और पार्टियां समय-समय पर उनके हक की मांग करती रही हैं. बेमौसम (Unseasonal Rain) हुई बारिश से किसानों का अनाज खराब हो रहा है जिसके कारण औने-पौने दामों पर उन्हें फसल बेचने को मजबूर होना पड़ रहा है. हाड़ौती में पहले ही फसल खराब होने से दो किसानों ने खुदकुशी कर ली है. अब व्यापारियों के यार्ड पर कब्जा किए जाने से किसानों को लाखों का नुकसान हो रहा है और मंडी प्रशासन मूकदर्शक बनकर देख रहा है.
अखिल भारतीय बेरोजगार मजदूर किसान संघर्ष समिति के राष्ट्रीय अध्यक्ष मनोज दुबे (Manoj Dubey) के नेतृत्व में सैकड़ों किसानों और संगठन के कार्यकर्ताओं ने संभागीय आयुक्त कार्यालय पर जोरदार प्रदर्शन किया. दरअसल, भामाशाह कृषि उपज मंडी में प्रशासन की लापरवाही के कारण किसानों का अनाज भींग गया और किसानों को परेशानी का सामना करना पड़ा. इसी के विरोध में प्रदर्शन किया गया.
कोटा में हजारों करोड के कार्य हो रहे है तो मंडी में शेड क्यों नहीं
इस अवसर पर किसानों को संबोधित करते हुए राष्ट्रीय अध्यक्ष मनोज दुबे ने जिला प्रशासन को चेतावनी देते हुए कहा कि भामाशाह कृषि मंडी में अगर फिर से किसानों का अनाज बर्बाद हुआ तो मंडी के अधिकारी मंडी के गेट के अंदर नहीं घुस पाएंगे. राज्य सरकार और जिला प्रशासन मंडी में बरसात से किसानों की जिंस भीगने से बचाव के पुख्ता उपाए करें. उन्होंने कहा कि देश और प्रदेश में हजारों करोड़ों के विकास कार्य हो रहे हैं फिर कृषि मंडियों में पर्याप्त मात्रा में शेड निर्माण क्यों नहीं हो रहा है?
ऐसे कैसे किसानों की आय दुगुनी होगी
किसानों की आय दोगुना करने के बड़े-बड़े वायदे मोदी सरकार ने किए थे लेकिन किसानों को फसल की लागत निकालने के लिए भी जूझना पड़ रहा है. दुबे ने कहा कि नीलामी स्थल पर बने यार्ड में व्यापारियों का माल जमा रहता है. इससे किसानों को मजबूरी में खुले में ढेर लगाने पड़ते हैं. ऐसे में बारिश से किसानों की जिंस भीग जाती है. बेमौसम बरसात और ओलावृष्टि से किसानों की खेतों में खड़ी और कटी फसल तबाह और बर्बाद हो गई. किसान बची हुई उपज को मंडी में लेकर पहुंचता है तो यहां भी उसे खून के आंसू रोने को मजबूर होना पड़ रहा है. लेकिन अब प्रशासन ने नहीं सुनी तो इसके परिणाम भुगतने होंगे.
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