World Bicycle Day: मिलिए कोटा के साइक्लिस्ट बाप-बेटे की जोड़ी से, अपने नाम दर्ज करा चुके हैं यह रिकॉर्ड
Rajasthan: विश्व साइकल दिवस पर कोटा के बाप-बेटे की एक जोड़ी फिर से चर्चा में है जिन्होंने साइक्लिंग में अलग-अलग रिकॉर्ड बनाए हैं. इनके नाम अंकित अग्रवाल और भव्य अग्रवाल हैं.
Kota News: शिक्षा नगरी कोटा शिक्षा के साथ स्वास्थ्य के क्षेत्र में भी अग्रणी है. यहां अपने स्वास्थ्य के लिए हजारों की संख्या में लोग साइकिल चलाते हैं और इसी कारण यहां तीन से चार साइकिल क्लब मौजूद हैं जो नियमित रूप से साइकिल चलाने का संदेश दे रहे हैं. कोटा में रहने वाले ढाई लाख बच्चों में से 40 प्रतिशत बच्चे साइकिल से कोचिंग आते-जाते हैं. यहां किराए पर भी साइकिल मिल जाती है. साइकिल का व्यवसाय भी यहां तेजी से फल फूल रहा है.
कोटा में जैसे ही कोई छात्र आता है वह सबसे पहले आने जाने का साधन तलाशता है, लेकिन अधिकांश स्टूडेंट अपनी कोचिंग के एक-दो किलोमीटर के दायरे में ही रहते हैं. इस कारण उन्हें आने जाने के लिए साइकिल का सहारा ही लेना पड़ता है. स्टूडेंट कोटा में आते ही या तो नई या पुरानी साइकिल तलाश करते हैं जो दुकानों पर आसानी से मिल जाती है, जो बच्चा जाता है वह दुकानदार के पास ही साइकिल छोडकर चला जाता है. ऐसे में कहा जा सकता है कि कोटा में प्रदेश की सर्वाधिक साइकिल चलाई जाती है.
साइक्लिंग में हासिल की उपलब्धि
कोटा के साइक्लिस्ट अंकित अग्रवाल रामपुरा में रहते हैं. उनका वजन औसत से बहुत ज्यादा होने के कारण 5-6 साल पहले साइकल चलाना शुरू किया था. शुरू में वह 5-6 किलोमीटर साइकल चलाया करते थे. धीरे-धीरे अब 25 से 30 किलोमीटर प्रतिदिन साइकिल चलाने लगे. साथ ही इन गत वर्षों में अंकित ने चार बार नेशनल अवार्ड हासिल किया, इंडिया बुक आफ रिकॉर्ड्स और इंटरनेशनल बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में अपना नाम दर्ज कराया. अंकित लगभग 40 से 50 किलोमीटर प्रतिदिन साइकिल चलाते है.
अंकित ने साइकल दिवस पर दिया यह संदेश
विश्व साइकल दिवस पर अंकित ने कहा कि दैनिक दिनचर्या में कम से कम आधा घंटा अपने शरीर को अवश्य दें. जिस किसी भी एक्टिविटी में आपका मन लगे वह करें. साइकिलिंग सबसे साधारण और सबसे अच्छा साधन है. साइक्लिंग करने का सबसे सही समय सुबह 5 से 7 बजे तक रहता है. इसमें यातायात भी बहुत कम रहता है और हवा भी शुद्ध रहती है. अपने शरीर को ऑक्सीजन की मात्रा भी पर्याप्त मिल पाती है. साइक्लिंग करने से अपना मानसिक तनाव दूर होता है और शरीर में स्फूर्ति बनी रहती है.
सबसे छोटे साइक्लिस्ट का भी जानिए कमाल
साइकिल चलाने में केवल अंकित ही नहीं बल्कि 8 वर्षीय बेटा भव्य भी उस्ताद है. जब भी स्कूल की छुट्टी रहती है उस दिन वह पिता अंकित के साथ लगभग 20 किलोमीटर साइकिल चलाता है. पिछले 3 वर्ष से साइक्लिंग कर रहा है. छोटी सी उम्र में भव्य अग्रवाल ने आजादी के अमृत महोत्सव के अंतर्गत साइक्लिंग चलाकर अपना नाम 'इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स' में दर्ज करवा रखा है.. भव्य कोटा का सबसे छोटा साइक्लिस्ट है.
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