Fire Fighting Robot: कोटा के अग्निशमन बेडे (fire brigade) में एक और अत्याधुनिक तकनीक (Advance Technique) का सहारा लिया जाएगा, इसके लिए प्रयास तेज हो गए हैं. कुछ समय बाद ही गर्मी का प्रकोप होगा और इस दौरान आग की घटनाएं भी बढ़ेंगी. ऐसे में आग को बुझाने में मैनुअली कार्य किया जाता है जो काफी असुरक्षित होने के साथ ही अधिक समय लग जाता है. लेकिन अब कोटा में रोबोट (Robot) की मदद से आग पर काबू पाया जा सकेगा. इस रोबोट की कई खासियत हैं. जिसका लाभ कोटा के अग्निशमन विभाग को होगा.
नगर निगम परिसर में फायर फाइटिंग रोबोट (Fire Fighting Robot) का डेमो हुआ. इसमें रोबोट के बारे में पूरी जानकारी और प्रशिक्षण (Training) दिया गया. अग्निशमन अधिकारी राकेश व्यास ने बताया कि ये रोबोट 90 मीटर ऊपर लगी आग को बुझाने में सक्षम हैं. रोबोट सीढ़ी पर चढ़कर अपने आप आग पर काबू पा सकता है. वह आग लगने वाले स्थान की पूरी जानकारी नीचे ऑपरेट कर रहे ऑपरेटर को देता है और उसके बाद अग्निशमन अधिकारी प्रवेश कर सकते हैं. रोबोट अंदर फंसे लोगों की जानकारी दे सकता है और धुआं बता सकता है. इसकी लागत 1 से डेढ़ करोड़ रुपए बताई जा रही है.
40 से 50 मीटर तक की ऊंचाई पर पहुंच सकता है रोबोट
व्यास ने बताया कि यह फायर फाइटिंग रोबोट 250 किलो वजन उठाने में सक्षम है और यह 90 मीटर तक सीधे डायरेक्शन में पानी फेंक सकता है. इस रोबोट को 40 से 50 मीटर तक की ऊंचाई पर ले जाया जा सकता है. निगम के पास हाइड्रोलिक लैडर है. यह फायर फाइटिंग रोबोट कन्जेस्टेड एरिया, ऑयल फायर या फिर ज्यादा धुएं वाली जगह पर बेहतर काम कर सकता है. जिस जगह पर कार्मिक आसानी से नहीं पहुंचे पाते वहां भी इसका उपयोग किया जा सकता है. इसमें दो कार्मिकों को बैठाकर फायर फाइटिंग के लिए अंदर भी भेजा जा सकता है.
तंग गलियों में आग बुझाने में कारगर होगा रोबोट
जयपुर और जोधपुर के बाद कोटा में इसका डेमो हुआ है. यदि सब कुछ ठीक रहा तो कोटा अग्निशमन बेडे में ये जल्द ही शामिल होगा. ऐसे में राज्य सरकार को प्रस्ताव भेजकर इसकी खरीद के लिए आग्रह किया जाएगा. ये रोबोट तंग गलियों में आग बुझाने में काफी उपयोगी है. यह रोबोट कोटा के लिए बेहद उपयोगी होगा क्योंकि यहां आए दिन आग की घटनाएं होती हैं. वहीं हॉस्टल और कोचिंग ऐरिया में शीघ्र ही इसका उपयोग लाभकारी होगा.
सेंसर के जरिए बताएगा फायर और धुएं की स्थिति
राकेश व्यास ने बताया कि इस फायर फाइटिंग रोबोट के साथ एक पूरा पाइपलाइन जुड़ा होता है. इसको टैंकर के जरिए जोड़ा जाता है, ताकि स्पीड और जेट पावर से पानी को फेंका जा सके. इसे दूसरा व्यक्ति बाहर से रिमोट के जरिए ऑपरेट कर सकता है. इसकी स्थिति को रिमोट में मौजूद कैमरे से देखा भी जा सकता है. आग कितनी भीषण है, इसके लिए सेंसर भी इसमें लगे हुए हैं. इन सेंसर्स के जरिए फायर और धुएं की स्थिति के बारे में पूरा आंकलन किया जा सकता है.
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