पौधरोपण से धरती का श्रृंगार! कोटा में श्मशान और कब्रिस्तान में भी लगेंगे पौधे
Tree Plantation Drive In Kota: कोटा में स्थानीय प्रशासन और वन विभाग समेत अन्य विभाग सामूहिक पौधरोपण अभियान को बढ़ावा दे रहे हैं. इसी क्रम में कोटा में अलग-अलग तरह के लाखों पौधे लगा जाएंगे.
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Kota News Today: कोटा में इस बार स्वयं सेवी संस्थाओं के साथ जिला प्रशासन, वन विभाग और अन्य विभाग सामूहिक रूप से पौधारोपण अभियान को बढ़ावा दे रहे हैं. तपती धरती को राहत देने और राजस्थान की धरा को हरा भरा बनाने के लिए कोटा में पौधरोपण अभियान किया गया है.
मुख्यमंत्री वृक्षारोपण महाभियान "एक पेड़ मां के नाम" के तहत कोटा में पौधारोपण कार्य शुरू कर दिया गया है. अलग-अलग विभाग अपने-अपने स्तर पर पौधे रोप कर इस महाभियान में भागीदारी निभा रहे हैं.
आगामी 7 अगस्त को हरियाली तीज के अवसर पर जिले भर में एक साथ वृहत स्तर पर सघन पौधारोपण कर धरा को हरियाली चूनर ओढ़ाने की तैयारी शुरू कर दी गई है. वन विभाग 11 लाख 20 हजार पौध तैयार करवाए जाकर वितरण किया जा रहा है. इस तरह बीलपत्र, अमलतास, नीम, पीपल, कचनार, अर्जुन जैसे वृक्षों से एक बार फिर धरती के श्रृंगार की तैयारी है.
200 पेड़ों पर एक श्रमिक देखभाल के लिए लगाया जाएगा
स्कूली शिक्षा मंत्री मदन दिलावर प्रदेश को हरा भरा बनाने के लिए पुरजोर कोशिश कर रहे हैं. वह लगातार लोगों को मोटिवेट कर रहे हैं, साथ पौधरोपण की सुविधाएं भी दे रहे हैं.
उन्होंने बताया कि प्रत्येक 200 पेड़ों पर एक श्रमिक देखभाल के लिए लगाया जाएगा. रोपे जाने वाले सभी पौधों की जियो टैगिंग की जाएगी, जिससे मौके पर जाकर उनका रिकॉर्ड संधारण और मॉनिटरिंग की जाएगी.
कोटा जिला कलेक्टर ने दिये ये निर्देश
जिला कलेक्टर डॉ रविन्द्र गोस्वामी के निर्देशन जिले में पौधारोपण को सुनियोजित तरीके से कराए जाने के लिए सभी विभागों को आवश्यक निर्देश दिए जा चुके हैं. इस दौरान सभी विभाग कम से कम 200 पौधों का रोपण करेंगे.
कोटा शहर में नगर निगम की ओर से लगभग साढ़े चार लाख पौधे रोपे जाएंगे. नगर निगम के जरिये पौधारोपण के लिए श्रमिकों से गड्ढे खुदवाए जा रहे हैं और पौधों का रोपण भी कराया जा रहा है.
पौधारोपण से मिलेगा रोजगार
शहरी क्षेत्र में बड़ी संख्या में जरूरतमंद महिलाओं को रोजगार मिला है, जिससे उनकी जिंदगी खुशहाल हुई है. नगर निगम उत्तर और दक्षिण में दो लाख बीस हजार पौधों को रोपने का लक्ष्य तया किया गया है.
इसके तहत निगम उत्तर जरिये देवली अरब, बॉटेनिकल पार्क, बायोलॉजिकल पार्क, सीएनडी प्लांट बालीता को प्रमुख रूप से पौधारोपण के लिए चुना गया है. इसके अलावा सरकारी भवनों, चिकित्सालय परिसर में भी पौधारोपण कराया जा रहा है. लगभग 20 हजार पौधे रोपे जा चुके हैं और गड्ढे खुदवाए जा रहे हैं.
'श्मशान, कब्रिस्तान में भी लगेंगे पौधे'
कोटा में निगम दक्षिण ने जगपुरा, ग्रीन बेल्ट, कब्रिस्तान, श्मशान, भीतरिया कुण्ड, चंबल गार्डन सहित अन्य 283 उद्यानों में पौधे रोपे जाएंगे. अब तक लगभग 40 हजार पौधे रोपे जा चुके हैं. इन पौधों में छायादार पेड़ नीम, पीपल, शीशम, गुलमोहर इत्यादि का रोपण किया जा रहा है.
डीएफओ अपूर्व कृष्ण श्रीवास्तव ने बताया कि वन विभाग ने लगभग 11 लाख 20 हजार पौधे तैयार करवाए हैं, जिनको 12 नर्सरियों के माध्यम से वितरण किया जा रहा है.
इनमें गुलमोहर, शीशम, अमलतास, कचनार, अर्जुन, करंज, नीम, बिलपत्र, आंवला, सागवान, पलाश, केशियाश्यामा, शमी, सहजन इत्यादि औषधीय महत्वपर्ण और छायादार किस्म के पौधे हैं.
वहीं अमरूद, जामुन, केत, शहतुत, नींबू, अनार इत्यादि के फलदार पेड़ भी हैं. फूलदार पेड़ों में टीकोमा, बगनबेल, रातरानी, कनेर, चांदनी, गुड़हल सहित कई प्रजातियों के पौधे शामिल हैं.
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